आईएसडी नेटवर्क। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अब खुलेआम प्रतिशोध की भावना से कार्य करती दिखाई दे रही है। 9 सितंबर को कंगना रनौत का ऑफिस ढहाने के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने खार स्थित उनके घर को लेकर नोटिस भेज दिया है। बीएमसी के मुताबिक कंगना ने अपने घर में नियमों का उल्लंघन करते हुए निर्माण करवाया है। मुंबई के ड्रग्स माफिया और बॉलीवुड में नेपोटिज़्म को लेकर कंगना के खुलकर बोलने के बाद उद्धव सरकार के हमले निरंतर जारी हैं। रविवार को कंगना ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से भेंट कर बताया कि इस सरकार द्वारा उन्हें किस तरह सताया जा रहा है।
एक तरफ शिवसेना नेता संजय राउत कहते हैं हमारी तरफ से मामला ख़त्म हो गया और दूसरी ओर उनकी सरकार कंगना रनौत का निवास भी तोड़ने की तैयारी कर रही है। 25 सितंबर को इस प्रकरण की कोर्ट में सुनवाई होगी।
यदि कोर्ट ने सरकार का मार्ग प्रशस्त कर दिया तो कंगना का निवास भी तोड़ा जा सकता है। बताया जा रहा है कि उनके ऑफिस में तोड़फोड़ से लगभग 2 करोड़ का नुकसान हुआ है। कंगना ने जब रविवार दोपहर राज्यपाल से भेंट की तो उनके साथ उनकी बहन भी थी। कंगना ने बाहर आकर मीडिया को राज्यपाल से मुलाक़ात के बारे में बताया। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वे मुंबई में असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा की बर्बर पिटाई के बाद भी उद्धव सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया। रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मीडिया से मुखातिब हुए लेकिन उन्होंने मदन शर्मा की पिटाई पर अफ़सोस तक जाहिर नहीं किया।
जबकि मदन शर्मा की पिटाई पर पूर्व सैनिकों और मुंबई के नागरिकों ने तीव्र विरोध प्रकट किया था। स्वयं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना पर दुःख जताया है। उद्धव ठाकरे का इन घटनाओं पर कुछ न कहना दर्शाता है कि वे कंगना के मुद्दे पर बचकर निकलना चाहते हैं। नौसेना अधिकारी की पिटाई पर हुई टीवी बहसों के दौरान शिवसेना के प्रवक्ताओं ने बेशर्मी के साथ इसका समर्थन किया।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया ‘महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ग्रहण लगाने का प्रयास एक बार फिर शुरू हो गया है। ये ग्रहण ‘बाहरी’ लोग लगा रहे हैं। लेकिन इन्हें मजबूत बनाने के लिए परंपरा के अनुसार हमारे ही घर के भेदी आगे आए हैं।
सामना में अक्षय कुमार पर हमला करते हुआ कहा गया है कि वे बड़े कलाकार होते हुए इस मुद्दे पर नहीं बोल रहे हैं। ऐसा ही आरोप अक्षय पर सुशांत वारियर्स लगा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि अब बॉलीवुड के बड़े सितारों के लिए निष्पक्ष बने रहना मुश्किल होगा क्योंकि ऐसा करके वे सरकार और अपने प्रशंसकों की नाराज़गी मोल ले रहे हैं। ऐसे ही आरोप अमिताभ बच्चन पर सुशांत के समर्थक लगा रहे हैं।