बलात्कार पीड़ित के वंशज , कायर दम्पत्ति की संतानें ;
ऐसे ही हिंदू धिम्मी होते ; चाहे वे माने न मानें ।
डीएनए में डर होता है , जेहादी से डरते रहते ;
राष्ट्र का पैसा तरह-तरह से , जजिया में देते रहते ।
मजहब के गुलाम हो जाते , धर्म के पक्के दुश्मन होते ;
गुंडे इनके माई – बाप हैं , उनके कहने पर रोड घेरते ।
भरे हुये हैं राजनीति में , शिक्षा , कला , मीडिया में ;
बॉलीवुड में घुसपैठ है इतनी , जितनी नहीं इंडिया में ।
बॉलीवुड का ये एजेंडा , इस्लामीवुड है इसे बनाया ;
हिंदू समाज को किया प्रदूषित,नई पीढ़ी को धिम्मी बनाया।
हिंदू कान में तेल डालकर , गहरी नींद में सोया है ;
इसीलिये बढ़ रहे हैं धिम्मी , धर्म ने कितना खोया है ।
जेहादी से भी ज्यादा धिम्मी ,राष्ट्र को कितना तोड़ रहे हैं ?
हिंदू नेता डीएनए मिलाता , इस तरह धर्म को तोड़ रहे हैं ।
महामूर्ख है हिंदू जनता , परममूर्ख हैं नेता ;
आधा भारत टूट चुका है , पर अब भी नहीं है चेता ।
अफगान,पाक,बंगला,लंका,म्यांमार , ये सारे छिटक चुके ;
हिंदू अब भी न जागा , तो वे भी धिम्मी बन ही चुके ।
क्या इतना काला भविष्य है ? हर ओर अंधेरा छायेगा ;
धिम्मी तो घर का ही दीपक , क्या दीपक आग लगायेगा ?
इसमें कुछ भी नहीं असंभव , ये सब संभव हो सकता है ;
यदि हिंदू अब भी न जागा , तो समझो ये हो सकता है ।
अब तत्क्षण सारे जग जाओ ,अब समय नहीं है सोने का ;
धर्म सनातन कस कर पकड़ो, तो वक्त है धिम्मी जाने का।
धर्म की आंधीं के आगे तो , सारे मजहब तिनके हैं ;
पर हम ही धर्म भुला बैठे , बस इसी से संकट इतने हैं ।
धर्म – सनातन आत्मसात हो , देखो प्रकाश हो जायेगा ;
हर धिम्मी वापस आयेगा , सब अंधकार मिट जायेगा ।
जितने भी हमसे बिछुड़ गये ,घर वापस सब हो जायेंगे ;
धीरे – धीरे दुनिया भर में , सारे हिंदू हो जायेंगे ।
भारत हिंदू – राष्ट्र बनेगा , ये विश्व – धर्म हो जायेगा ;
आतंकवाद का नामोनिशां , इस दुनिया से मिट जायेगा ।
हर ओर बजेगी चैन की बंशी , विश्व शांति पा जायेगा ;
सदियों से सब जिसे चाह रहे , वो रामराज्य आ जायेगा ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”