नेता क्यों डरपोक हो गये ? इसकी जांच जरूरी है ;
गुंडों से क्यों इतना डरते ? आखिर क्या मजबूरी है ?
हाईजैक तो नहीं हो गये , राष्ट्र – सुरक्षा खतरे में ;
ब्लैकमेल होंगे जब नेता , सब कुछ होगा खतरे में ।
बचे खुचे जो साहसी -नेता , अब फौरन हरकत में आयें ;
चाहे कुछ भी करना पड़े , पर आगे बढ़कर राष्ट्र बचायें ।
चरित्र का संकट बहुत बड़ा है , राष्ट्र बहुत है खतरे में ;
भोग- बिलासी , कामी- नेता , डालें राष्ट्र को खतरे में ।
राष्ट्रभक्त खामोश रहे तो , राष्ट्र नहीं बच पायेगा ;
अपनी सारी तन्द्रा त्यागकर , हर हिंदू आगे आयेगा ।
धर्म हमारा राष्ट्र हमारा , हमको राष्ट्र बचाना है ;
अबकी चूके मिट जाओगे , इतिहास में गुम हो जाना है ।
हम संताने देवगणों की , दानव मार भगाना है ;
स्वर्णिम गौरव रहा हमारा , हिंदू को याद दिलाना है ।
गांधी नेहरू की चाल में फंसकर,हम अपने को भूल गए थे ;
वामी ,कामी ,जिम्मी बनकर , धर्म -सनातन भूल गये थे ।
सोशल मीडिया याद दिलाता , धर्म -सनातन को बतलाता ;
गांधी नेहरू का जहर कट रहा,सोशल मीडिया अमृत लाता।
सर्वश्रेष्ठ हैं हम सब हिंदू , बस हम खुद को भूल गये थे ;
सोशल मीडिया से अब जाना ,कैसे हम सब भटक गए थे ?
सही मार्ग अब हमें मिल चुका , लक्ष्य नहीं अब दूर है ;
घर वापस वे सभी आयेंगे , चले गये जो दूर हैं ।
गुंडे बाजी हार रहे हैं , उनकी हार तो निश्चित है ;
धर्म – सनातन विजयी होगा , हिंदू -राष्ट्र सुनिश्चित है ।
हिंदू -राष्ट्र तो बन के रहेगा , हम सब इसको जल्द बनायें ;
सारे दलों से हिंदू निकलें , एक नया हिंदू -दल लायें ।
केवल हिंदू -राष्ट्र ही सबको , शांति -सुरक्षा दे सकता है ;
वरना आज की राजनीति में , केवल हिंदू मर सकता है ।
अपने ही देश में नहीं सुरक्षित , हिंदू का दुर्भाग्य है ;
भोग – विलासी , कायर – नेता , भारत का दुर्भाग्य है ।
केवल धर्म- सनातन इसको , सही राह पर ला सकता है ;
हर – एक हिंदू जागरुक हो , लक्ष्य हमें मिल सकता है ।
दृढ़ – निश्चय हर -हिंदू कर ले , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ;
हर हालत में विश्व से हमको , दानवता को मिटाना है ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”