राष्ट्रद्रोह की राजनीति है , गुंडों का सौभाग्य है ;
हजार वर्ष से जेहाद चल रहा , भारत का दुर्भाग्य है ।
हिंदू – नेता इतने कायर , शाहीन – बाग की छूट है ;
गुंडों को इतना प्रोत्साहन , रोड – जाम की लूट है ।
गहरी नींद सो रहा हिंदू , मृत्य – मूर्छा आ सकती है ;
सोशल-मीडिया जगा रहा है, बाजी अभी पलट सकती है ।
सच्चा इतिहास जानकर हिंदू , साहस और शौर्य से जागें ;
शेरो की हुंकार गुंजा दो , राष्ट्र के दुश्मन डर कर भागें ।
हिंदू – शौर्य जगेगा ऐसा , कायर – नेता दुबक जायेंगे ;
राष्ट्र को धोखा देने वाले , करनी का फल पायेंगे ।
परम – साहसी ,हिंदू-वादी , संन्यासी को केंद्र में लाओ ;
सारे हिंदू एक साथ मिल , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
हिंदू-राष्ट्र बनेगा भारत , तब सच्ची आजादी होगी ;
राजनीति जो इतनी गंदी , पूरी तरह स्वच्छ होगी ।
राजनीति में धर्म मिलेगा , राष्ट्रनीति में बदलेगी ;
राज्य लायेगा ऐसी नीतियां , देश में खुशहाली होगी ।
धर्म का शासन,न्याय का शासन,कानून का शासन आयेगा;
वामी ,कामी ,जिम्मी ,सेक्युलर , सबका मुंह काला होगा ।
गांधी की हर मूरत टूटे , नेहरू का हो पत्ता साफ ;
राष्ट्र के जितने भी दुश्मन हैं , राष्ट्र करे न उनको माफ ।
हिंदू सारी कमियां छोड़ें , सद्गुण – विकृति त्याग दें ;
देश पर हमला जो भी करेगा , उसको निश्चय ही मार दें ।
नामोनिशां मिटे दानव का , निष्कंटक हो मानवता ;
राम-राज्य लेकर आयेंगे , नष्ट करेंगे दानकता ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”