बनारस के DM ने कल अदालत के आदेश की अवहेलना कर 100 से अधिक नमाजियों को ज्ञानवापी में प्रवेश दिया और नमाज पढवाया, जबकि अदालत ने केवल 20 नमाजियों के प्रवेश की अनुमति दी थी।
यही नहीं, जिस तालाब से महादेव निकले उस वजू के तालाब में DM ने पानी भरवा कर सामने आ चुके साक्ष्य को ढंकने का प्रयास करते हुए तुष्टीकरण की पराकाष्ठा पार कर दी। इसे स्वयं भाजपा के नेताओं ने ही एक्सपोज किया है।
जानकारी के मुताबिक यही DM दो दिन से अदालती आदेश की अवहेलना करते हुए सर्वे में बाधा बना हुआ था। वह तो शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रशासन की बैठक ली और सख्त आदेश दिया कि यदि अदालती आदेश का पालन नहीं हुआ तो एक-एक पर इसकी जवाबदेही होगी। यही नहीं, योगी काशी में पूरे दिन उपस्थित रहे, जिस कारण सर्वे संभव हो सका। अन्यथा यह नौकरशाह स्वयं को बनारस का राजा मान बैठा है।
असल में कुछ दिन पहले इस DM को प्रधानमंत्री मोदी ने पुरस्कृत किया है, जिसके कारण इसका दिमाग सातवें आसमान पर है। सोचता है प्रधानमंत्री से सीधा लिंक है तो कोई भी मनमानी करेगा! (पुरस्कार का फोटो नीचे इसके ट्वीट लिंक पर है।)
ऐसे हिंदू विरोधी सरकारी नौकरों को उल्टा लटका देना चाहिए। जनता के चाकर ऐसे सेक्यूलरों के कारण ही हिंदू हारते रहे हैं।