सीधे का मुंह कुत्ता काटे , पर कायर का मुंह कौन चाटे ?
कायर का मुंह आतंकी चाटे , जम्मू को भारत से काटे ।
आतंकवाद से डरता रहता , कायर पल-पल मरता रहता ;
कश्मीर हाथ से निकल चुका है,बंगाल और केरल भी जाता
कायर हाथों राष्ट्र को खतरा,धर्म को खतरा,देश को खतरा ;
वामी, कामी ,धिम्मी, गुंडे , बढ़ा रहे सब मिलकर खतरा ।
हिंदू ही है राष्ट्र का रक्षक , उसको अब संभलना होगा ;
संविधान अनुमन्य रास्ता , हर – हिंदू को चलना होगा ।
धरना ,प्रदर्शन ,नारेबाजी , रोज- रोज ही करना होगा ;
पानी नाक तक आ ही चुका है , आपतधर्म निभाना होगा ।
हिंदू अब भी सोया रहा तो , तै है सब कुछ चला जायेगा ;
जान-माल ,इज्जत जायेगी , धर्म तुम्हारा चला जाएगा ।
बहुत विकट स्थिति है आयी , जैसी पहले कभी न आयी ;
रक्षक ही बन रहे हैं भक्षक , कैसी ये कायरता छायी ?
हजार साल तक हिंदू जूझा,पर ऐसी कभी न स्थिति आयी ;
कामयाब दुश्मन की साजिश ,लकवाग्रस्त जो स्थित आयी।
तन में लकवा ,मन में लकवा ,इनकी आत्मा में भी लकवा ;
इकलौता उपचार धर्म है , दूर करेगा सारा लकवा ।
सर्वोपरि अब धर्म बनाओ , धर्म- युद्ध में विजय मिलेगी ;
सर्वश्रेष्ठ है धर्म- सनातन , इसी के दम पर आन बचेगी ।
हिंदू देर से खतरा भांपे , जब पानी सर तक आ जाये ;
जम्मू समझो देश की गर्दन , देखो कहीं ये कट न जाये ।
जम्मू बचेगा , देश बचेगा , समझो पूरा – राष्ट्र बचेगा ;
अब जम्मू की रक्षा करने , देखो पूरा राष्ट्र उठेगा ।
जम्मू जीता , राष्ट्र भी जीता , हर हाल में हमें जीतना है ;
“एकजुट -जम्मू ” इसीलिये है , पूरा- राष्ट्र बचाना है ।
हिंदू ने हर – दल अपनाया , पर सबने हिंदू ठुकराया ;
अंतिम आशा “एकजुट-जम्मू ” , इसीलिए हिंदू मन भाया ।
हर- हिंदू अब आगे आये , ” एकजुट- भारत “इसे बनाओ ;
“एकजुटजम्मू”” एकजुटहिंदू”‘ एकजुटभारत “आगे लाओ ।
सारे हिंदू आलस त्यागकर”एकजुटभारत”को जीत दिलायें;
भारत को हिंदू – राष्ट्र बनाकर , राष्ट्र के खतरे दूर भगायें ।
“वंदे मातरम- जय हिंद”
रचयिता: ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”