जागो हिंदू ! अब तो जागो (भाग-4)
हिंदू ! महाशक्ति बन जाओ या फिर दुनिया से मिट जाओ ;
अब्बासी-हिंदू नेता के चलते , तुम सब अपने गले कटाओ ।
तुझे पीठ पर छुरा मारता , नेता जो अब्बासी – हिंदू ;
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा, कायर-कमजोर हो रहा हिंदू ।
हिंदू को कर रहा सेक्युलर , जिसका अर्थ है पूर्ण नपुंसक ;
जिम्मी बनते जेहादी के , ऐसे ही हैं बहुसंख्यक ।
सौ में नब्बे हिंदू – नेता , इन सबको जिम्मी ही मानो ;
जर-खरीद ये जेहादी के , धर्म का दुश्मन इनको जानो ।
हिंदू – धर्म मिटा देने की , बहुत बड़ी ग्लोबल-साजिश है ;
साजिश में अब्बासी-हिंदू है , बहुत बड़ा ये नाकिश है ।
भ्रष्टाचार से बना मसीहा , रिश्वत तेरे कितने रूप ?
मुफ्त का राशन-मुफ्त का पैसा , देश को करता है विद्रूप ।
इसको नहीं देश की चिंता , केवल खुद की चिंता है ;
अब्राहमिक को देता जजिया , सजवाता हिंदू की चिता है ।
जड़ें खोदता हिंदू – धर्म की , मंदिर को तुड़वाता है ;
बुलडोजर से मंदिर तोड़े , गलियारा बनवाता है ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , अब मिटने में देर नहीं है ;
तेरा मसीहा तेरा दुश्मन , तेरी कुछ भी खैर नहीं है ।
सम्यक दृष्टि से इसको देखो , पूर्वाग्रहों को परे हटाओ ;
बारीकी से करो निरीक्षण , गंदे – नेता को दूर हटाओ ।
लगभग सारे दल हैं ऐसे , एक थैली के चट्टे – बट्टे ;
खून चूसते हैं हिंदू का , सब के सब हैं तिलचट्टे ।
बेचारा हिंदू ! क्या करता ? कोई नहीं विकल्प है ;
हिंदू को विकल्प है देना ,” एकम्-सभा” का संकल्प है ।
“एकम्-सभा” का नाम है पूरा,”एकम् सनातन भारत” दल ;
सारे हित हिंदू के पूरे , हिंदू नहीं रहे निर्बल ।
पहले तो हम सबसे सबल थे , पर धोखे से हार गये ;
“अलतकिया” सिद्धांत न जाना , इसी वजह से हार गये ।
पर पूरी तरह कभी न हारे , धर्म – सनातन साथ है ;
अब आया अब्बासी – हिंदू , पूरा नागनाथ है ।
इन काले – नागों से बचना , आस्तीन के सांप हैं ;
अंग्रेज-मुगल सब बौने लगते , ये तो उनके भी बाप हैं ।
“एकम् सनातन भारत” दल ही,हमको सांपों से मुक्त करेगा;
धर्म का शासन-न्याय का शासन , पूर्ण सुशासनयुक्त करेगा।