मां तो मां होती है! लेकिन जब वही मां बेटे की लाश का सौदा करने लगे तो आप उस मां को क्या कहेंगे? आपको याद है रोहित वेमुला जिसकी संदिग्ध मौत को आत्महत्या और जिसकी जाति को गलत तरीके से ‘दलित’ बताकर राहुल गांधी से लेकर सीताराम येचुरी तक और कन्हैया कुमार से लेकर उमर खालिद तक ने जमकर कोहराम मचाया था? बाद में पता चला कि रोहित वेमुला दलित था ही नहीं? और अब पता चल रहा है कि भारत विभाजन के दोषी ‘मुसलिम लीग’ की भारतीय शाखा ‘इंडियन युनियन मुसलिम लीग’ ने रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला को 20 लाख रुपये की पेशकश की थी? आखिर किसलिए? पढि़ए मां-बेटे के रिश्ते को सौदे में तब्दील करता सोनाली मिश्र द्वारा लिखा गया एक संवेदनशील लेख…
माँ एक ऐसा शब्द, जिसे सुनकर भगवान भी सोच में पड़ जाता है, स्रष्टि का सबसे पवित्र रिश्ता माँ का है, जिसमें न स्वार्थ है और न ही कलुषता। है तो केवल और केवल निस्वार्थ प्रेम! माँ के सामने आते ही आदर से हम दंडवत हो जाते हैं, हम सभी को लगता है कि औरत हर रिश्ते में स्वार्थी हो सकती है, मगर माँ के रूप में नहीं। माँ को ही चारों धाम हमारे शास्त्रों में कहा गया है। इतना पवित्र रिश्ता है माँ का, कि आज तक लक्ष्मण को दशरथ पुत्र के रूप में नहीं बल्कि सुमित्रानंदन के रूप में जाना जाता है। माँ अपना सर्वस्व न्योछावर करके भी अपने बच्चे की जान बचाती है, उसका सौदा नहीं करती! माँ के आंसुओं पर लोग पिघल जाते हैं। ऐसी ही एक माँ है राधिका वेमुला, जिनके आंसुओं ने न केवल पूरे भारत बल्कि विश्व के सामने भारत की एक ऐसी छवि प्रस्तुत की जिसका वास्तविकता से दूर दूर तक लेना देना नहीं था। राधिका वेमुला के आंसू आज ‘इन्डियन युनियन मुसलिम लीग’ की वादा खिलाफी के लिए हैं। मगर प्रश्न यह उठता है कि रोहित वेमुला की माँ के साथ मुसलिम लीग ने क्या वादा खिलाफी की? और किस बात का वादा किया गया था?
Radhika Vemula M/o Rohit Vemula has revealed that Muslim League promised her to give ₹20 Lakh to speak against Modi across nation but gave only ₹2 Lakh cheque but it was bounced. It was planted movement.
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) June 18, 2018
रोहित वेमुला, वह युवक जिसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। किसी के भी जीवन में अपने युवा बेटे का निर्जीव शरीर देखना बहुत ही त्रासद और यातना पूर्ण होता है। मगर इन यातना के क्षणों में कोई आपसे आकर यह कहे कि आप हमारे साथ यहाँ चलिए, उस मंच पर चलिए, हम आपकी त्रासदी का आपको पूरा मूल्य देंगे, तो आप क्या करेंगे? क्या हम वही करेंगे जो राधिका वेमुला ने किया? उन्होंने अपनी ही सन्तान की निर्जीव देह के बदले में किस प्रकार कुछ लाख रूपए का सौदा कर लिया?
महाराष्ट्र में पिछले साल हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा की यादें अभी तक ताज़ा हैं, और उसी मंच पर राधिका भी विराजमान थीं। कई प्रश्न हैं, कि यदि आज वे इंडियन युनियन मुसलिम लीग पर यह आरोप लगा रही हैं कि उनके साथ वादा खिलाफी हुई, उन्हें वे 20 लाख रूपए नहीं मिले, जो मिलने चाहिए थे, तो यह तो साफ़ करना ही होगा कि ये 20 लाख उन्हें आखिर मिलने किस लिए थे? राधिका वेमुला के अनुसार ‘मुसलिम लीग’ के नेताओं ने राधिका वेमुला से वादा किया था कि वह उनके परिवार को नया घर बनाने के लिए बीस लाख रूपए देंगे। यह वादा तब किया गया था जब ‘मुसलिम स्टूडेंट्स फेडरेशन’ और ‘अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ के प्रतिनिधि उनसे मिलने आए थे। गौरतलब है कि रोहित भी आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का ही सदस्य था। राधिका वेमुला के अनुसार उनके लिए बड़े मकान का वादा जैसे कोई सपने के सच होने जैसा था!
अब यहाँ पर फिर एक एक प्रश्न है कि आखिर ‘मुसलिम’ लीग की इतनी दिलचस्पी राधिका वेमुला को घर दिलाने में थी या फिर रोहित वेमुला के नाम का दोहन करने में? क्या किसी भी माँ की ममता इतनी सस्ती हो सकती है कि वह अपने बच्चे के नाम इस्तेमाल किसी को भी करने दे? या फिर बड़े लोगों में उठने बैठने का इतना नशा राधिका वेमुला को हो गया था कि उनके लिए यह बिलकुल भी यह अहसास नहीं हो रहा था कि उनके बेटे का नाम कोई भी अपने अनुसार इस्तेमाल कर सकता था? क्या उनके लिए उनके मरे हुए बेटे का इतना ही मोल था? ये कई प्रश्न है, मगर सबसे बड़ा प्रश्न अब यह उठता है कि उन्होंने मुंह इसलिए खोला कि इंडियन युनियन मुसलिम लीग ने उन्हें पैसे नहीं दिए?
यदि उन्हें घर और पैसे मिल गए होते या यदि कोई कल उन्हें तीस लाख रूपए का ऑफर देगा तो वे रोहित का नाम उसे इस्तेमाल करने देंगी? और उन्होंने इस बीस लाख रूपए के लालच में यह भी नहीं सोचा कि जो लोग रोहित का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका वास्तविक मंतव्य क्या है? अब तक इस मामले में देश की वैश्विक स्तर पर इतनी बदनामी होने के बाद, क्या लाखो लोग इस बात के आधार पर खुद को छला हुआ महसूस नहीं करेंगे कि आपको कुछ लाख रूपए का ऑफर दिया गया था?
अफ़सोस होता है कि आज माँ भी अपने मरे हुए बेटे का नाम इस्तेमाल करने के लिए एकदम तैयार बैठी है, आपके आंसू इस धोखे में निकल रहे हैं कि आपका मकान बनने की इच्छा पूरी नहीं हुई? देश के साथ हुए धोखे पर आपके आंसू क्यों नहीं निकले? आप धोखे के बदले में धोखा ही खाएंगी। यह तो कर्म है। आज आप उन बीस लाख रूपए के लिए रो रही हैं, जो घर के लिए आपको मुसलिम लीग ने देने थे, और दिए नहीं! काश कभी आप उस धोखे के लिए भी रोएँ, जो आपने पूरे देश को दिया है! काश कभी आप उस धोखे के लिए भी रोएँ जो एक माँ के रूप में आपने सबको दिया है! आज आपके आंसू एक माँ के आंसू नहीं बल्कि एक ऐसी स्त्री के आंसू दिख रहे हैं, जिसने अपने बेटे के नाम का सौदा किया और पूरे देश और समाज का नाम बदनाम करने वालों के हाथों में अपने बेटे का नाम सौंप दिया। आज आपके आंसू किसी भी तरह की सहानुभूति पैदा नहीं कर रहे हैं।
कई बार प्रश्न मेरे मन में उठता था कि कैसे कोई माँ अपने बेटे का नाम उन गिद्धों के हवाले कर सकती है जो देश को नोचकर खाने के लिए तैयार बैठे हैं, कल आपके आंसू पढकर पता चला कि उन गिद्धों के भोज के लिए आपने महज़ एक मकान के बदले अपने बेटे का नाम उन्हें सौंप दिया था। एक माँ के रूप में क्या कहा जाए आपको!
URL: Rohit Vemula’s mother Radhika Vemula has done her son’s deal with Muslim League
keywords: रोहित वेमुला, राधिका वेमुला, रोहित वेमुला की मां, मुसलिम लीग, rohith vemula, rohith vemula suicide, rohith vemula suicide case, rohith vemula family, rohith vemula mother, radhika vemula, indian union muslim league