शास्त्र-विरुद्ध की प्राण-प्रतिष्ठा
केवल भ्रष्टाचार है कारण , भारत की बर्बादी का ;
हर अपराध इसी के कारण , गुंडो की आबादी का ।
गुंडा मतलब हर अपराधी , आतंकी , बर्बर , हत्यारा ;
सबसे बड़ी समस्या हैं ये , चौपट हो गया देश हमारा ।
नब्बे-प्रतिशत तक महाभ्रष्ट हैं , नेता,बाबा व अधिकारी ;
महाभ्रष्ट हैं हिंदू-नेता , हिंदू-बाबा , हिंदू-अधिकारी ।
क्योंकि धर्म को छोड़ दिया है , सच्चे-धर्म से दूर हुये ;
चरित्रहीनता इस कदर है हावी , पत्नी तक से दूर हुये ।
सभी बुराई आ जाती है , भ्रष्टाचार के आने से ;
पूरी – बुद्धि भ्रष्ट हो जाती , कामवासना छाने से ।
पशु , मानव के बीच का अंतर , इनमें मिटता जाता है ;
पवित्र – विवाह इन्हें न भाता , दुराचार ही भाता है ।
चरित्रहीन जो पति या पत्नी , वे ही दूजे का त्याग कर रहे ;
हर मर्यादा धर्म की तोड़ें , धर्म पर हर आघात कर रहे ।
पौराणिक-मंदिर यही तोड़ते , पर्यटन-स्थल बनवाते हैं ;
शास्त्र-विरुद्ध की प्राण-प्रतिष्ठा , “ राम” का मान घटाते हैं ।
लेशमात्र भी नहीं सुशासन , पूरा जंगल – राज है ;
भ्रष्टाचार हर जगह हावी है , पूरा गुंडा – राज है ।
जब तक भ्रष्टाचार रहेगा , कहीं भी कुछ अच्छा न होगा ;
कोई काम ठीक न होगा , लोकतंत्र तक नहीं बचेगा ।
शासन होगा बेईमानों का, चुनाव-आयोग निष्पक्ष न होगा ;
न्यायपालिका न्याय न देगी , सब कुछ लकवाग्रस्त ही होगा ।
हिंदू – जनता त्रस्त रहेगी , सबसे अधिक कष्ट पायेगी ;
चरित्रहीन साधु – संन्यासी , जिनकी बातों में आयेगी ।
यदि हमको पूर्ण-सुशासन पाना, तो भ्रष्टाचार मिटाना होगा ;
सबसे पहला काम ये करो , अच्छी-सरकार बनाना होगा ।
केवल अच्छी – सरकारें ही तो , भ्रष्टाचार मिटाती हैं ;
जान – माल – सम्मान सुरक्षित , अत्याचार हटाती हैं ।
अच्छी-सरकार बनाना होगा , निष्पक्ष-चुनाव कराना होगा ;
ई वी एम हटाना होगा , अब्बासी – हिंदू को हराना होगा ।
धर्म – सत्य – कर्तव्य निष्ठ हो , ऐसे दल को लाना होगा ;
“एकम् सनातन भारत” ही ऐसा,उसकी सरकार बनाना होगा ।
एकमात्र ये ही दल ऐसा , भ्रष्टाचार मिटा सकता है ;
धर्म-ध्वजा फिर से फहराकर , “राम-राज्य” ला सकता है ।