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कोरोना वायरस की डायरी के कुछ फटे हुए पन्ने : जैविक युद्ध, अध्यात्म, सामाजिक व्यवहार, फार्मा इंडस्ट्री, यूरोपीय मॉडल और बहुत कुछ!
आदित्य जैन। पहला फटा हुआ पन्ना : विश्व के सभी देशों में…
अच्छा नहीं, बेहतर बनने की कोशिश करें!
कमलेश कमल। अच्छा होना एक अस्पष्ट अवधारणा है, जबकि बेहतर बनना सुस्पष्ट…
मृत्यु आखेट कर रही, हमें बचना है।
कमलेश कमल. आज संपूर्ण मानवजाति एक अदृश्य हमले से बेहाल-खस्ताहाल है। विधि…
पुष्प के सुवास का पता भ्रमर को कौन देता है?
कमलेश कमल. पुष्प के सुवास का पता भ्रमर को कौन देता है?…
अब क्या लिखेंगी ज्योति यादव एवं प्रिंट के सम्पादक?
दिल्ली में instagram पर एक ग्रुप का खुलासा हुआ है. पहले यह…
भारतीय शिक्षा प्रणाली- पाठ्यपुस्तक लिखने वालों को काटे हुए है एक विचारधारा का कीड़ा!
सूर्य सिद्धांत स्पष्ट करता है कि – “सर्वत्रैय महीगोले स्वस्थामुपरिस्थितम्। मन्यन्ते खेयतो…