देवी दुर्गा तथा वामपंथियों के झूठ!
किसी भी कथ्य को समझने से पहले उसे पढ़ना और गहराई से समझने के लिये बार बार पढना आवश्यक है। निश्चित ही बिटवीन द लाईंस पढा जाना चाहिये और अनेक अर्थ निकालने चाहिये क्योंकि...
किसी भी कथ्य को समझने से पहले उसे पढ़ना और गहराई से समझने के लिये बार बार पढना आवश्यक है। निश्चित ही बिटवीन द लाईंस पढा जाना चाहिये और अनेक अर्थ निकालने चाहिये क्योंकि...
यह तर्क हास्यास्पद लग सकता है किंतु ठहरिये ऐसा है नहीं। कुछ विचारधारायें, कुछ संस्थायें, कुछ पत्रिकायें और कुछ व्यक्ति निरंतर ऐसे ही विश्लेषणों, तर्कों और दिवस आयोजनों के अगुआ बने हुए हैं। ध्यान...
सूर्य सिद्धांत स्पष्ट करता है कि – “सर्वत्रैय महीगोले स्वस्थामुपरिस्थितम्। मन्यन्ते खेयतो गोलस्तस्यक्कोर्ध्वक्कवोप्यध:” अर्थात यह पृथ्वी गोल है इसलिये हम सभी अपने अपने स्थान को उपर ही समझते हैं। यह पृथ्वी वृहद शून्य के...
मेरे आलेख “वैमानिक शास्त्र – कल्पना और विचारधारा” से असहमत मित्र ने एक शोधपत्र भेजा – “अ क्रिटिकल स्टडी ऑफ द वर्क – वैमानिक शास्त्र (साईंटिफिक ओपीनियन, 1974, पृ 5-12)” तथा इसे इंडियन इंस्टीट्यूट...
वैमानिक शास्त्र में मेरी जिज्ञासा थी। इसका कारण पुष्पक विमान नहीं बल्कि वामपंथी खेमे के पत्र-पत्रिकाओं व वेबसाईट पर प्रकाशित वे आलेख थे जिनमें से कुछ के शीर्षक हैं “चालीस साल पहले ही खुल...
राजीव रंजन प्रसाद। कुछ उद्धरण प्राप्त हुए कि मैक्समूलर और मैकाले के बीच कई दौर की वार्ता हुई, कतिपय इतनी तीखी कि उसमें मैकाले ही बोलते रहे। इस विवरण को आगे बढाने से पूर्व...
राजीव रंजन प्रसाद। जिस डाली पर बैठा उसी को काटने वाला व्यक्ति क्या कभी कालिदास बन सकता था, यदि उसके जीवन में विद्योत्तमा न होतीं? राजा शारदानंद की विदुषी और शास्त्रज्ञ कन्या विद्योत्तमा का...
भारत की शिक्षा व्यवस्था गुरुकुल परम्पराओं से निकल कर वातानकूल कक्षाओं तक पहुँच गयी है। शिक्षा ग्रहण कर प्रसारित करने की बजाय केवल जीविकोपार्जन के लिए जीवन के शुरुवाती 20-25 साल खपाने की व्यवस्था...
भारत की शिक्षा व्यवस्था गुरुकुल परम्पराओं से निकल कर वातानकूल कक्षाओं तक पहुँच गयी है। शिक्षा ग्रहण कर प्रसारित करने की बजाय केवल जीविकोपार्जन के लिए जीवन के शुरुवाती 20-25 साल खपाने की व्यवस्था...
भारत की शिक्षा व्यवस्था गुरुकुल परम्पराओं से निकल कर वातानकूल कक्षाओं तक पहुँच गयी है। शिक्षा ग्रहण कर प्रसारित करने की बजाय केवल जीविकोपार्जन के लिए जीवन के शुरुवाती 20-25 साल खपाने की व्यवस्था...
भारत की शिक्षा व्यवस्था गुरुकुल परम्पराओं से निकल कर वातानकूल कक्षाओं तक पहुँच गयी है। शिक्षा ग्रहण कर प्रसारित करने की बजाय केवल जीविकोपार्जन के लिए जीवन के शुरुवाती 20-25 साल खपाने की व्यवस्था...
भारत की शिक्षा व्यवस्था गुरुकुल परम्पराओं से निकल कर वातानकूल कक्षाओं तक पहुँच गयी है। शिक्षा ग्रहण कर प्रसारित करने की बजाय केवल जीविकोपार्जन के लिए जीवन के शुरुवाती 20-25 साल खपाने की व्यवस्था...