कल तक चीन और आज अमेरिका ने भी अपने नागरिकों पर किसी भी प्रकार के कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को नकार दिया है। भारत में जल्द ही वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है क्योंकि मानसिकता से ग़ुलामी की ज़ंजीरों में जकड़े भारतीय यह मानते हैं कि वैक्सीन लगवाने से वे अमर हो जायेंगे। उनका ऐसा मानना स्वाभाविक इसलिये भी है कि, हमारे देश में एक्स-रे और जाँच को ही इलाज मान लेते हैं लोग।
हमारे स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार देश में अमेरिकी वैक्सीन का ट्रायल जल्द ही शुरू होगा। सवाल यह उठता है कि यदि यह वैक्सीन इतनी कारगर है तो इसका ट्रायल अमेरिकी नागरिकों पर क्यों नहीं? क्या अमेरिका के नागरिकों की जान भारतीय नागरिकों की जान से ज्यादा क़ीमती है? अमेरिका को भारत ने ‘हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन’ उनके मांगने पर तब दी जब उसका प्रयोग हमारे यहाँ उपयोगी सिद्ध हो रहा था। इसी प्रकार अमेरिका को वैक्सीन भारत को तब देना चाहिए था जब उनके देश में सफलता मिल जाती। इसका मतलब यह है कि भारतीय नागरिक बलि का बकरा है और इसकी स्वीकृति हमारी सरकार भी देती है।
इस बात पर कोई दो राय नहीं कि वैक्सीन मानवता के लिये वरदान है, परन्तु कोई भी चीज वरदान तब साबित होती है जब उसका सही प्रयोग हो वर्ना वरदान को अभिशाप बनने में देर नहीं लगती। कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति के पहले सरकार को उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता का तार्किक आँकलन करना चाहिए। अनुमति का कोई भी अन्य आधार अनैतिक होगा क्योंकि ट्रायल उन मासूम नागरिकों पर होना है जिन्हें इसका ज्ञान नहीं है।
कोरोना वैक्सीन की गुणवत्ता और उपयोगिता का आँकलन करने के पहले, वैक्सीन क्या है और यह कैसे काम करती है यह जानना ज़रूरी है। वैक्सीन एक प्रकार से इम्यूनिटी की शिक्षक है जो किसी भी जीवाणु/विषाणु के शरीर में प्रवेश करने के पहले ही उससे लड़ने वाली एन्टीबॉडी का ज्ञान इम्यूनिटी को करवा देती है। वैक्सीन के ज़रिये शरीर में उसी जीवाणु/विषाणु को कम मात्रा में कंट्रोल्ड तरीक़े से प्रविष्ट किया जाता है जिससे शरीर उपयुक्त एन्टीबॉडी बना कर उस जीवाणु/विषाणु को समाप्त कर देता है।इस प्रकार इम्यूनिटी को जीवाणु/विषाणु विशेष से लड़ने के लिये एन्टीबॉडी का ज्ञान हो जाता है और जब भी जीवाणु/विषाणु का वास्तविक अटैक होता है शरीर अविलम्ब उपयुक्त एन्टीबॉडी बनाकर स्वयं को बचा लेता है।
वैक्सीन द्वारा किसी भी एक विषाणु को समाप्त करने की एन्टीबॉडी का ज्ञान इम्यूनिटी को करवाया जा सकता है, परन्तु यदि एक ही परिवार के कई विषाणु हों तब वैक्सीन कैसे काम आयेगा? अत: सभी विषाणुओं हेतु अलग-अलग वैक्सीन तैयार करनी होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना के केस में स्थिति और गंभीर इसलिये भी हो जाती है कि यह लगातार अपने प्रारूप को बदलता जा रहा है, अत: निकट भविष्य में कोरोना की कारगर वैक्सीन बनना सम्भव नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसी स्थिति में हिन्दुस्तानियों पर सरकार किस वैक्सीन का ट्रायल करवाने जा रही है और इससे देशवासियों को क्या लाभ होगा, यह स्पष्ट करना ज़रूरी होगा।
देश में लगातार कोरोना महामारी भयावह रूप ले रही है। आँकड़ों पर विश्वास करना उचित नहीं होगा, क्योंकि शुरुआत से ही आँकड़े सन्दिग्ध माने जा रहे थे। जब देश में कोरोना के मात्र 300 केस थे तो देश में अचानक भीषण लॉकडाउन लगा दिया गया, परन्तु आज 300000 के ऊपर केस होने पर सम्पूर्ण लॉकडाउन हटा दिया गया, इस पर सरकार को देश की जनता को जवाब देना चाहिए।
वैसे तो वातावरण में करोड़ों जीवाणु/विषाणु हैं जो मौसम विशेष में एक्टिव हो जाते हैं और फिर डॉरमेंट पड़े रहते हैं। परन्तु कोरोना ऑलवेदर वाइरस रूप में हमारे वातावरण में समाहित हो गया है जिसे वातावरण से निकाला नहीं जा सकता। इसलिये अब हमें इसके साथ जीना सीख लेना चाहिए। यह बात भी समझना ज़रूरी है कि कोरोना वाइरस से प्रत्येक व्यक्ति के हर दिन संक्रमित होने की संभावना है। अत: इससे बचने के लिये सभी को सुझाये गये सुरक्षात्मक उपायों का पालन करने के साथ-साथ इम्यूनिटी को सदैव स्ट्रॉंग बनाये रखना होगा।
कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय सस्टेन्ड इम्यूनिटी है। जिसके लिये सभी को अपनी लाइफ़ स्टाइल बदलनी होगी। सस्टेन्ड इम्यूनिटी के लिये नीचे लिखे पाँचों उपाय अपनाने होंगे–
(1) शुद्ध पौष्टिक आहार।
(2) नियमित व्यायाम या योग-30 से 60 मिनट प्रतिदिन
(3) 6 से 8 घंटे की नींद
(4) शारीरिक आराम
(5) तनाव रहित जीवन
जो व्यक्ति इनका नियमित पालन करेगा उसकी इम्यूनिटी स्ट्रॉंग बनी रहेगी और कोरोना उसका बाल बाँका भी नहीं कर पायेगा परन्तु इन उपायों का पालन ना करने वाला परेशानी में आ सकता है। इसके साथ सभी को एक बात समझने की आवश्यकता है कि उपरोक्त उपायों से कोरोना संक्रमण से बचाने वाली सस्टेन्ड इम्यूनिटी बनने में 4 से 6 महीनों का समय लगेगा, परन्तु कोरोना संकट मौजूदा हालात में विकराल होता जा रहा है। अत: अंतरिम समय में कुछ महीनों के लिये फ़ूड सप्लीमेंट तथा आयुर्वेद के सुझावों को अपनाकर तात्कालिक इम्यूनिटी को अविलंब इस लायक़ बना लें कि आपको कोरोना से नुक़सान ना हो पाये।
आज देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में कोरोना की कोई दवा, थिरैपी या वैक्सीन नहीं है और भविष्य में बनने की संभावना भी नहीं दिख रही है। फिर भी पूरे विश्व में कोरोना से बचने के लिये अन्य उपायों का शमन किया जा रहा है। जापान ने पूरे विश्व को यह बताया है कि उन्होंने न्यूट्रीशन और खानपान के ज़रिये कोरोना को कंट्रोल किया है परन्तु पूरा विश्व वैक्सीन के पीछे पड़ा है।वैक्सीन के अतिरिक्त अन्य सुझावों तथा उपायों को हर प्रकार के सोसल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से हटाया जा रहा है तथा मीडिया का दुरुपयोग कर लोगों को वैक्सीन बनने और ट्रायल की बात बार-बार बताकर गुमराह किया जा रहा है। लोगों से सच्चाई छुपाना किसी बहुत बड़ी साजिस का हिस्सा लग रहा है, क्योंकि कोरोना नरसंघार बहुत ही अधिक वीभत्स रूप लेता जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचने एवं कोरोना संक्रमित होने पर, भारतीय मूल की आधुनिक चिकित्सा पद्धति ज़ायरोपैथी जिसे मॉडर्न आयुर्वेद भी कहा जा सकता है बहुत ही कारगर सिद्ध हो सकती है क्योंकि पिछले कई दशकों से जायरोपैथी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाकर सभी प्रकार की बीमारियों को जड़ से समाप्त करने का काम कर रही है। इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने के लिये जायरोपैथी मूलत: आयुर्वेदिक औषधियों के एक्सट्रैक्ट से बने ज़ायरो नेचुरल्स तथा फूड सप्लीमेंट के कॉम्बिनेशन का प्रयोग करती है।
जायरोपैथी जिसका अर्थ है मानवता की सेवा, वास्तविक रूप से कल्याणकारी सिद्ध हो रही है। लाखों लोग इस पद्धति को अपना कर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
कोरोना संक्रमित होने या कोरोना संक्रमण से सुरक्षा हेतु या अन्य किसी भी स्वास्थ्य समस्या में ज़ायरोपैथी के सुझावों को अपनाने के लिये आपको बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है। घर बैठे आप अपनी ज़रूरत फ़ोन पर बताकर कोरियर द्वारा सुझाये गये सप्लीमेंट मँगवाकर सेवन करें और स्वस्य बनें रहें। ज़ायरोपैथी पूरी तरह नेचुरल एवं सुरक्षित तथा साइड इफ़ेक्ट रहित है।
कमान्डर नरेश कुमार मिश्रा
संस्थापक ज़ायरोपैथी
फ़ोन- 1800-102-1357, +918800880040, +919313741870, +919910009031
Email- info@zyropathy.com
Sandeep ji Namaskaar!! Please suggest the options in creating pressure on Government to stop corono drugs vaccination human trials in India.
Or Expose all those who are responsible directly or indirectly in the destruction of One Nation theory !!