संदीप देव । विदेशी कंपनी राजनीतिक पार्टियों को सीधे डोनेशन नहीं दे सकती, उसके लिए वह या तो भारत की अपनी सब्सीडरी कंपनी का इस्तेमाल करती हैं या मुखौटा कंपनी का इस्तेमाल करती हैं।
दिल्ली की जिस HUB Power Company कंपनी की मास्टरस्ट्रोकवादी बात कर रहे हैं, सेम उसी नाम की उसी सेग्मेंट की एक बड़ी कंपनी पाकिस्तान में है।(Pic1)
दिल्ली वाली इस कंपनी का इनकारपोरेशन पेपर संलग्न हैं (Pic2), जो दर्शा रहा है कि यह एक मुखौटा अर्थात सेल कंपनी या बेहद छोटी कंपनी है। यह कंपनी इसी नाम वाली पाकिस्तानी कंपनी का मुखौटा कंपनी हो भी सकती है या नहीं भी, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन नाम और कार्य की समानता के कारण इसका पाकिस्तानी कंपनी का मुखौटा होने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है!
यह कंपनी एक प्रोपराइटरशिप अर्थात एक-दो व्यक्तियों वाली कंपनी है, जिसका सलाना टर्न ओवर भी नहीं था, जब उसने करीब एक करोड़ का #ElectoralBonds खरीद कर भारत की पोलिटिकल पार्टियों को चंदा दे दिया! एक नयी और घाटे वाली कंपनी जब यह कर रही हो तो उसे मुखौटा कंपनी ही माना जाता है!
आप देखिए, यह भारतीय कंपनी 12 नवंबर 2018 में रजिस्टर्ड होती है, 14 फरवरी 2019 में पुलवामा पर अटैक होता है और पाकिस्तानी कंपनी के नाम वाली यह भारतीय कंपनी 18 अप्रैल 2019 में बांड खरीद कर चंदा दे देती है?
मतलब बिना कमाई के अपने निर्माण के मात्र चार महीने और पुलवामा अटैक के केवल दो महीने बाद ही यह कंपनी बांड खरीदने की हैसियत में आ जाती है? क्या यह संदेह पैदा नहीं करता कि यह एक मुखौटा कंपनी है, जिसका नाम और जिसका हित भी पाकिस्तान के हित से कहीं न कहीं मेल खाता है?
ऐसा लगता है कि भारत के राजनीतिक दलों को डोनेशन देने के लिए इसे मुखौटा कंपनी के रूप में इस्तेमाल किया गया है।
आश्चर्य है कि पाकिस्तानी नाम की समानता रखने वाली कंपनी पुलवामा अटैक के केवल दो महीने बाद ही भारतीय राजनीति को प्रभावित करने के लिए #ElectoralBonds का इस्तेमाल करती है? यह डोनेशन पुलवामा पर सरकार को घेरने के लिए भी हो सकता है अथवा पुलवामा पर जांच को दबाने के लिए भी? अतः इसकी जांच आवश्यक है।
चूंकि इसका नाम सेम टू सेम पाकिस्तानी कंपनी पर है, इसलिए इसे पाकिस्तानी कंपनी का मुखौटा माना जा रहा है! बिना जांच के इस संभावना को नकारा भी नहीं जा सकता है! सरकार बड़ा राष्ट्रवादी है तो फिर जांच कराए? जांच कराने में परेशानी नहीं होनी चाहिए सरकार को।
ब्रेनडेड अब्बासियों की दिक्कत यह है कि IT cell के मास्टरस्ट्रोकवादी सोशल मीडिया पर जो झूठ परोसते हैं, ये लोग बिना जांच किये उसे उठा कर यहां-वहां चिपकाते रहते हैं! अरे कभी तो पार्टी से ऊपर उठकर देश के लिए सोचो? #sandeepdeo
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