हिंदू ! अपने अज्ञान को त्यागो,धर्म के सच्चे मर्म को जानो ;
हिंदू-धर्म के खतरे जानो , अपने सच्चे-इतिहास को जानो ।
धर्म पर सबसे बड़ा है खतरा , बेईमान हिंदू – नेता ;
अपने धर्म का हो न सका जो , गैरों के मजहब पर रोता ।
धोखेबाज हैं ऐसे नेता , हिंदू को ये समझना है ;
सौ बरस से मूर्ख बन रहे , पर अब हमें संभलना है ।
कायर – कुटिल हैं ऐसे नेता , हिंदू को मरवा देंगे ;
इनका एजेंडा बहुत भयानक , हिंदू – धर्म मिटा देंगे ।
अंतर्राष्ट्रीय साजिश चल रही , ये सब उसके मोहरे हैं ;
हिंदू – धर्म के पूरे द्रोही , ओढ़े नकली चेहरे हैं ।
सबसे पहला मोहरा गांधी , अंग्रेजों ने बनाया था ;
गांधी ने करके गद्दारी , हिंदू कमजोर बनाया था ।
गांधी का जो काम अधूरा , उसके चेले लगे हुये हैं ;
इन्हीं के हाथों देश की सत्ता , हिंदू को ये ठगे हुये हैं ।
हिंदू राजनीति को समझें , मूर्ख नहीं बिल्कुल बनना है ;
धर्म – सनातन हमें बचाना , हमको जीवित रहना है ।
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , पर परम- निकृष्ट हमारे नेता ;
गटर के पिस्सू बने हुये हैं , केवल हिंदू – रक्त को पीता ।
हिंदू की जितनी भी दुर्दशा , केवल अज्ञान के कारण है ;
हिंदू ! अपना अज्ञान मिटाओ , केवल यही निवारण है ।
शस्त्र – शास्त्र की पूरी शिक्षा , धर्म – सनातन अपनाओ ;
हिंदूवादी ही नेता चुनकर , हिंदूवादी सरकार बनाओ ।
योगी – हेमंता जैसे नेता , ऐसों को ही सत्ता दिलवाओ ;
चरित्रहीन कायर – कपटी को, हर चुनाव में धूल चटाओ ।
चक्रव्यूह की तरह है साजिश , इसको हमें तोड़ना है ;
योगी – हेमंता को केंद्र में लाकर , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
वामी ,सेक्युलर ,जिम्मी , जेहादी , नहीं जीतने देना है ;
सारे प्रत्याशी ऐसे हों तो , हर हाल में नोटा करना है ।
कोई दल हो या निर्दलीय हो , केवल चरित्रवान हिंदू हो ;
ऐसे सब प्रत्याशी जीतें , दुर्भाग्यमुक्त तब हिंदू हो ।
जिसकी भी सरकार बने , या चाहे जैसी हो सरकार ;
चरित्रवान हिंदू-सांसद सब , हिंदू – राष्ट्र की जै-जै कार ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , सर्वश्रेष्ठ शासन होगा ;
लोकतंत्र तब पूरा होगा , जब कानून का शासन होगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार: ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”