हिंदू ! सब कुछ पा सकते हो,सच्ची-आजादी पा सकते हो ;
सारे मंदिर वापस पाकर , अपना धर्म बचा सकते हो ।
कला,संस्कृति,सच्चा-इतिहास, नैतिक-शिक्षा पा सकते हो ;
म्लेच्छ – यवन से पा छुटकारा , विश्वगुरु बन सकते हो ।
बस इतना करना है तुमको , धर्म – सनातन में आना है ;
अब्बासी-हिंदू को धता बताकर, अच्छी-सरकार बनाना है ।
जब तक अच्छी-सरकार न होगी, हिंदू ! तेरा भला न होगा ;
टैक्स बोझ के नीचे दबकर , अपना गला कटाना होगा ।
तेरा सब कुछ लुट जायेगा , जान-माल-सम्मान जायेगा ;
हिंदू – मंदिर टूट – टूट कर , गलियारा बन जायेगा ।
कुछ भी हाथ न आये तेरे , खाली हाथ ही जायेगा ;
जैसे रोता आया जग में , रोता – रोता जायेगा ।
दोनों मार्ग खुले हैं तेरे , सुख से जीना या दुखों से मरना ;
धर्म-मार्ग है सुख का दाता , सुख से जीना सुख से मरना ।
मृत्यु के बाद भी जीवन होता है, कई गुना अधिक होता है ;
अच्छे बुरे सभी कर्मों का , पूरा भुगतान वहाँ होता है ।
हिंदू ! अपनी आंखे खोलो , अच्छे जीवन को पाना है ;
धर्म – मार्ग पर चलते – चलते , अच्छी – सरकार बनाना है ।
सर्वश्रेष्ठ हैं ग्रन्थ तुम्हारे , रामायण – गीता – महाभारत ;
सर्वश्रेष्ठ दल पास तुम्हारे , ये है “एकम् सनातन भारत” ।
सर्वश्रेष्ठ को हिंदू ! पकड़ो , गंदे – निकृष्ट नेता को छोड़ो ;
धर्म का शासन सर्वश्रेष्ठ है , अब्बासी – हिंदू नेता छोड़ो ।
धर्म का जीवन तुमको जीना , बच्चों को सन्मार्ग दिखाओ ;
रामायण – गीता – महाभारत , अपने घर में उन्हें पढ़ाओ ।
अच्छे संस्कार बचपन से देना , संगति बुरी से उन्हें बचाना ;
केवल भौतिक चाह में पड़कर,अपना सबकुछ मत लुटवाना
हर क्षण सावधान रहना है , अब्बासी-हिंदू बहुत कुटिल है ;
शिक्षा – मीडिया इसके ताबे , धोखेबाज पूरा दल है ।
हिंदू ! अपनी पीठ बचाओ , छुरा अब नहीं खाना है ;
छुरा मारने वाला नेता , राजनीति से जाना है ।
आने वाला चुनाव का मौसम , वोट व्यर्थ नहीं करना है ;
सर्वश्रेष्ठ अब विकल्प मिल चुका,अच्छी सरकार बनाना है ।
“एकम् सनातन भारत” दल ही , सर्वश्रेष्ठ विकल्प है ;
इसका हर प्रत्याशी जीते , हिंदू का संकल्प है ।