गुंडों की हिंसा से डरती , ये भारत – सरकार है ;
इसीलिये शाहीन – बाग है , गुंडागर्दी की बहार है ।
जो भी चाहे सड़क को घेरे , कानून – वापसी करवा दे ;
पीएम की गाड़ी को रोके , उनकी सभा को टलवा दे ।
राजनीति क्यों इतनी कायर ? राष्ट्र – विरोधी धमका लें ;
क्या ये है गांधी के कारण ? बंटवारे को करवा ले ।
कितने पाकिस्तान बनेंगे ? इस कायरता के चलते ;
कबतक भागोगे पूँछ दबाकर?शक्ति प्रयोग क्यों नहीं करते?
क्यों मरने से इतना डरते ? क्या तुम्हें राष्ट्र से प्यार नहीं ?
बलिदानों की बड़ी श्रंखला , क्या इसमें तेरा नाम नहीं ?
राष्ट्र पे जो बलिदान हुआ है , नाम अमर हो जाता है ;
तू भी होजा बलिदानवीर , क्या तुझको ये नहीं आता है ?
राष्ट्र ने तुझको दिया है सबकुछ,अब उसका प्रतिदान करो ;
राष्ट्र में दुश्मन भरे पड़े हैं , उनको मृत्यु का दान करो ।
राष्ट्रद्रोह की सजा मृत्यु है , इससे मत इनकार करो ;
स्वर्णाक्षर में अंकित होजा , दुश्मन का संहार करो ।
मुँह मत देखो दुनिया भर का , केवल राष्ट्र की बात करो ;
राष्ट्र है जब तक ,तब तक तू भी , राष्ट्रप्रेम की बात करो ।
अपनी कार्यप्रणाली बदलो , गुंडों से बिल्कुल न डरो ;
सारे गुंडों का दमन करो , इनका मत विश्वास करो ।
हजार बरस से राष्ट्र लुट रहा , अब तो लूट को बंद करो ;
सारा अल्पसंख्यकवाद मिटाओ , तुष्टीकरण को बंद करो ।
बाइस हजार करोड़ लुटवाये , अब तो ये सारा बंद करो ;
घिरा हुआ है तू दुष्टों से , उन सबको फौरन दफा करो ।
सलाहकार सब राष्ट्रभक्त हों , परमसाहसी मित्र बनाओ ;
वामी ,कामी ,जिम्मी ,जेहादी ,सारे सेक्युलर मार भगाओ ।
हिंदू – धर्म ही केवल ऐसा , पूरा विश्व बचायेगा ;
सावधान रहना गुंडे से , आतंकवाद फैलायेगा ।
करो – मरो के दोनों मार्ग हैं , तेरे दोनों हाथों में ;
राष्ट्र का गौरव या कलंक राष्ट्र का , अब ये तेरे हाथों में ।
जो भी चाहे बन सकता है , तेरा ये पुरुषार्थ है ;
धर्म – राह पर जो चलता है , पाता वो परमार्थ है ।
माया के सब बंधन काटो , धर्म – मार्ग पर आ जाओ ;
राष्ट्र ने तुझ पर किया भरोसा , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”