श्वेता पुरोहित। हिमालय पार का वर्तमान चीन देश – चीन देश से भारतवासियों का बहुत पुराना परिचय हैं। रेशम को भी चीनांशुक अर्थात् चीनी कपड़ा कहा जाता था। महाभारत में किरात व चीन देश का नाम साथ आया है –
स किरातैश्च चीनैश्च वृत्तः प्राग्ज्योतिषोऽभवत् ।
आचारभ्रष्ट आर्यों का देश चीन था। चीयते संचीयते आर्येतरा चारदोषा यत्र चीनः। इस व्युत्पत्ति से चीन नाम सुसंस्कृत ही है।
भोटान्तदेशो देवेशि ! मानसेशाच्च दक्षिणे ।
मानसेशाद्दक्षपूर्वे चीनदेशः प्रकीर्तित्तः ।।
कामरूप से पश्चिम में, भोटान्त देश (भूटान) से उत्तर में, मानसरोवर से दक्षिण पूर्व में चीन देश है, यह बात शक्ति संगम तन्त्र में कही गई है। यही वास्तविक वर्तमान स्थिति भी है।