संदीप देव । कल आपको बताया था कि राम मंदिर ट्रस्ट के सर्वेसर्वा पूर्व नौकरशाह नृपेन्द्र मिश्र 1990 के कारसेवा के समय मुलायम सिंह यादव के प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे और गोलीकांड के वक्त कंट्रोल रूम से निर्देश जारी कर रहे थे। (Video देखें, जिसमें वह हंसते हुए गोली कांड का बचाव कर रहे हैं)।
आज जानिए कि उनकी उच्च शिक्षा कहां हुई थी? इसे जानते ही आप बड़े आराम से अमेरिका के गहरे नेटवर्क को भारत के शासन तंत्र में समझ जाएंगे! पूर्व आईएएस अधिकारी श्री मिश्रा के पास हार्वर्ड विश्वविद्यालय के कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री है। जी हां, हार्बर्ड, जहां से निकली अमेरिका की पॉलिसी पूरी दुनिया पर थोपी जाती है, और जिसके बारे में राजीव मल्होत्रा ने अपनी पुस्तक ‘Snakes in Ganga’ में साक्ष्य के साथ लिखी है।
अब इसे एक उदाहरण से समझिए। जिस WTO के जरिए अमेरिका ने भारत की कृषि आदि को नुकसान पहुंचाया, मनमानी फैसले दुनिया पर लादे उस विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में पूर्व में स्पेशल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं नृपेन्द्र मिश्र।
शायद यही कारण था कि RSS के मुखपत्र पांचजन्य ने उन पर CIA एजेन्ट का आरोप लगा कर लेख छापा दिया था। जिसके बाद उप्र के तब के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने मिश्रा को अपने निजी सचिव के पद से बर्खास्त कर दिया था! कारण भले कुछ और दिया गया था। लेकिन इसमें RSS की पत्रिका के उस लेख की बड़ी भूमिका मानी गई थी।

जहां तक मेरी जानकारी है नृपेन्द्र मिश्र ने इसके लिए पांचजन्य पर न तो केस किया और न ही उन्हें कोर्ट में घसीटा! यदि केस किया हो तो पांचजन्य के संपादक/पत्रकार या मिश्रा जैसे नौकरशाह के कुली मुझे जानकारी से अवगत करा सकते हैं। मैं बाद में अपने लेख में उनका पक्ष भी जोड़ दूंगा।
यह मिश्रा अमेरिकी सरकार द्वारा फंडेड #ACYPL द्वारा प्रशिक्षित नेताजी के लिए इतना महत्वपूर्ण थे कि उसके लिए नियम बदल कर उसे अपने कार्यालय में सबसे बड़ा पद दिया गया। बाद में 1990 में जिस अयोध्या के गोली कांड की जिम्मेदारी मिश्रा पर भी है, उसी राम मंदिर का उन्हें सर्वेसर्वा भी बना दिया गया! घोर आश्चर्य!
बता दूं कि अमेरिकी योजना को पूरी दुनिया पर लागू करने के लिए #acypl विश्व भर के चुनिंदा नेताओं को ट्रेंड करने का काम करती है। इसकी फंडिंग अमेरिकी सरकार करती है। बाबरी विध्वंस के बाद #acypl ने भारत के भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए किस पार्टी के किन नेताओं को ट्रेंड किया, यह अपने हाथ को कष्ट देते हुए आप स्वयं ही सर्च कर लें।


जिनको भरोसा न हो वो #ACYPL का वेब साइट देखें, उसके द्वारा ट्रेंड नेताओं की सूची उस वेब में देंखे और फिर #acypl और CIA के बीच रिश्ते को जानने के लिए भी सर्च का बटन दबाएं। सब पता चल जाएगा! धन्यवाद।

