अब फिल्म उद्योग और नियमित फ़िल्में देखने वाले दर्शक जानते हैं कि इन दिनों ‘बी टाउन’ फिल्मों का ट्रेंड चल रहा है और बड़े प्रोडक्शन हाउस अपनी बड़ी फिल्मों की लागत न निकाल पाने के कारण धराशायी हो रहे हैं। जब भी एक कम बजट और एक बिग बजट की फिल्म आमने-सामने होती हैं, नतीजे में छोटी फिल्म ही बाज़ी मारती नज़र आती है। इस सप्ताह कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘पति, पत्नी और वो‘ आशुतोष गोवारिकर की ‘पानीपत’ पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। छोटे सितारों से सजी इस फिल्म ने बहुत दमदार तो नहीं लेकिन बहुत सधी हुई ओपनिंग ले ली है।
निर्देशक मुदस्सर अजीज की ये फिल्म कानपुर की पृष्ठभूमि में बनाई गई है। पति चिंटू त्यागी लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर है। उसकी पत्नी वैदिका एक कॉलेज में प्रोफेसर है। शादी के कुछ साल बाद दोनों के रिश्तों में ठंडापन आने लगता है और कानपुर में एक दिल्ली की लड़की एंट्री लेती है। दिल्ली की लड़की तपस्या सिंह को देखकर चिंटू त्यागी की इच्छाएं जाग जाती हैं। चिंटू और तपस्या में नजदीकियां बढ़ने लगती हैं और जब इस बात का पता वैदिक को लगता है तो एक घर टूटने की नौबत आ जाती है।
ये फिल्म सन 1978 में आई क्लासिक ‘पति, पत्नी और वो’ की रीमेक नहीं है। बस फिल्म का नाम और प्लाट उठाया गया है। कहानी में हास्य की भरपूर संभावनाएं डाली गई हैं। लगभग ढाई घंटे की फिल्म एक रोमांचक क्लाइमैक्स पर समाप्त होती है। बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म सुरक्षित है। एक तो इसका बजट मात्र चालीस करोड़ है और दुसरा ये एक मनोरंजन पॅकेज है, जो टिकट की कीमत वसूल कराता है। कार्तिक आर्यन इस समय बॉक्स ऑफिस के बिकाऊ घोड़े बने हुए हैं। उनकी फॉलोइंग इतनी तो है कि वे एक कम बजट फिल्म को अपने कन्धों पर ढो सकते हैं। इस बार भी उन्होंने अच्छा अभिनय दिखाया है। कार्तिक आर्यन ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है।
भूमि पेड़णेकर लगातार निखरती जा रही हैं। वैदिका त्यागी का किरदार उन्हें सूट करता है और वे बिलकुल उत्तरप्रदेश की आधुनिका दिखाई देती हैं। इस किरदार में कई शेड्स थे। पति की बेवफाई के बाद बदली हुई वैदिका का रूपांतरण उन्होंने अच्छा किया है। अपारशक्ति खुराना की मौजूदगी फिल्म को बल देती है। फाहिम रिजवी का किरदार न होता तो फिल्म में मस्ती थोड़ी कम हो जाती। राजेश शर्मा और के के रैना ने भी बेहतर काम किया है। सन्नी सिंह ‘डोगा’ के स्पेशल अपीयरेंस में दिखाई दिए हैं। चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे में स्पार्क है। यदि वे अच्छे निर्देशकों के साथ काम करें तो उनका भविष्य बेहतर होगा।
‘पति, पत्नी और वो’ एक मनोरंजक फिल्म होने के साथ एक सामाजिक सन्देश भी देती है। पहले दिन इस फिल्म ने लगभग दस करोड़ का कारोबार किया है, जो उसकी प्रतिद्व्न्दी ‘पानीपत’ के कलेक्शन छह करोड़ से अधिक है। कम बजट में छोटे शहरों की कहानियां दिखाकर लाभ कमाना कोई बुरा सौदा नहीं है। इन बी टाउन फिल्म निर्माताओं ने बड़े प्रोडक्शन हाउसेस को एक राह दिखाई है कि फ़िल्में कैसे हिट करवाई जा सकती है। ख़ास बात ये है कि इन छोटी फिल्मों में कंटेंट भी कमाल का होता है।
इस सप्ताह बॉक्स ऑफिस कुछ सुस्त दिखाई दे रहा है। कार्तिक आर्यन और भूमि पेडणेकर को ठीकठाक दर्शक मिल रहे हैं लेकिन अर्जुन कपूर की ‘पानीपत’ का पहला दिन मात्र छह करोड़ का रहा, जो इस सत्तर करोड़ की फिल्म के लिए अच्छी खबर नहीं है। इस वीकेंड फिल्म अच्छा कर जाए, फिर भी लागत वसूल होने की कोई सम्भावना फिलहाल नहीं दिखाई दे रही है। कहना उचित होगा कि इस सप्ताह ‘बी टाउन फिल्म निर्माताओं’ ने बॉक्स ऑफिस थोड़ा-बहुत बचा लिया है।
I am soo happy to see more more Hindi articles and journalists , well done team Sandeep Deo ji .A true journalist leading a great team and a true sanatan warrior.??