विपुल रेगे। महंगे बजट में कचरा फ़िल्में बनाने वाले बॉलीवुड के निर्देशकों को ओटीटी पर रिलीज हुई ‘जया जया जया जया हे’ देख लेनी चाहिए। महिलाओं पर केंद्रित ये फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसे उसका गुस्सैल पति बहुत पीटता है। इस समस्या पर सैकड़ों फ़िल्में बन चुकी है और उनमे से बहुत सी इसलिए फ्लॉप रही क्योंकि निर्देशक मनोरंजन की सिचुएशन नहीं बना पाया था। ‘जया जया जया जया हे’ भारतीय समाज की इस कॉमन समस्या को मनोरंजक ढंग से दर्शक के सामने रखती है, इसलिए अपनी बात समझाने में सफल रहती है।
‘जया जया जया जया हे’ को विपिन दास ने निर्देशित किया है। फिल्म की कहानी जयाभारती से शुरु होती है। शिक्षित जयाभारती का विवाह एक पोल्ट्री फॉर्म चलाने वाले राजेश के साथ हो जाता है। शादी के बाद जया को महसूस होता है कि राजेश बहुत गुस्सैल व्यक्ति है और अपने आसपास के लोगों का सम्मान नहीं करता। वह अपनी माँ और बहन के साथ भी बुरी तरह पेश आता है।
शादी के कुछ दिनों बाद ही राजेश उसे बात बात पर पीटने लगता है। एक दिन जया के सब्र का बाँध टूट जाता है और वह अपने पति को कराटे की ‘बैक किक’ से मारती है। जया के इस नए अवतार से राजेश बहुत सहम जाता है। इस कॉमेडी-ड्रामा को निर्देशक विपिन दास ने बहुत संतुलित ढंग से पेश किया है। जया की वेदना दिखाते हुए भी निर्देशक एक पल के लिए फिल्म बोझिल नहीं होने देते हैं।
एक गंभीर कथा में उन्होंने कॉमेडी की सिचुएशंस खोज निकाली है। ये फिल्म मनोरंजन के मीठे घोल में नसीहत की कड़वी दवा पीला देती है। जया जब अपने पति के तमाचे खाती रहती हैं तो साथ ही इंटरनेट से चुपके-चुपके कराटे भी सीख रही होती है। एक दिन वह अपने कराटे ज्ञान को पति पर अप्लाई कर देती है। आज भी भारतीय समाज में राजेश जैसे कैरेक्टर हैं। राजेश का कैरेक्टर सच्चाई के साथ गढ़ा गया प्रतीत होता है।
राजेश का निरकुंश व्यवहार घर से लेकर उसके पोल्ट्री फॉर्म तक बदस्तूर जारी रहता है। जया का चरित्र यहाँ विशुद्ध भारतीय नारी वाला ही दिखाया गया है। वह विवाह के बाद पति का मन जीतने की बहुत कोशिश करती है। निर्देशन की बारीकी क्या होती है, ये इस फिल्म के गहराई वाले दृश्य बताते हैं। जितनी बार पति अपनी पत्नी को तमाचा मारता है, उतनी बार वह उसे थियेटर में फिल्म दिखाने ले जाता है।
थियेटर में पति-पत्नी बैठे हैं लेकिन उनमे अब कोई आत्मीयता नहीं बची है। ये दृश्य बहुत टच करता है। जया का प्रतिरोध फिल्म का टर्निंग पॉइंट बनकर उभरता है। इस कहानी में कॉमेडी न होती तो ये उबाऊ फिल्म बनकर रह जानी थी। एक्शन दृश्य बहुत ज़ोरदार है। घर के ड्राइंग रुम को एरिना बना दिया गया है। इस लड़ाई में आपको असली कंग-फू देखने को मिलेगा।
बहुत ही मनोरंजक ये फिल्म जया की शानदार विजय पर समाप्त होती है। फिल्म का ‘वॉव मूमेंट’ सबसे आखिरी में आता है, जब एक राज़ खुलता है। ये फिल्म गत अक्टूबर में थियेटर्स में रिलीज हुई थी। फिल्म मात्र 10 करोड़ के बजट में बनाई गई थी और 50 करोड़ का शानदार कलेक्शन कर गई। 22 दिसंबर को ‘जया जया जया जया हे’ डिज़्नी + हॉटस्टार पर रिलीज हुई है और दर्शकों की बहुत प्रशंसा बटोर रही है।
जयाभारती का किरदार दर्शना राजेंद्रन ने निभाया है। बासिल जोसेफ ने राजेश के किरदार को बेहतरीन ढंग से पेश किया है। Azees Nedumangad ने राजेश के बड़े भाई अनि के किरदार को वास्तविकता से पेश किया है। ये फिल्म भारत में नारियों की समस्या को मनोरंजक ढंग से पेश करती है। इसे हिन्दी में भी डब किया गया है। यदि आप कॉमेडी-ड्रामा से सजी ये फिल्म देखते हैं तो बिलकुल निराश नहीं होंगे।