विपुल रेगे। फिल्म उद्योग के विशेषज्ञों की माने तो हिन्दी फिल्म उद्योग ने दो सितारों को जन्म दिया है। ये दोनों ही नेपोकिड्स हैं। आयुष शर्मा और सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी की स्तुतियां गाई जा रही है। अहान शेट्टी की फिल्म ‘तड़प’ बॉक्स ऑफिस पर ठीकठाक प्रदर्शन कर रही है। अब तक इसने तीस करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया है। दर्शक जब मीडियाई स्तुतियों को नोटिस में लेकर फिल्म देखने जाते हैं तो वास्तविकता कुछ और ही निकलती है।
‘तड़प’ की स्तुति गाते समय मीडिया ने ये कम ही बताया कि ये तेलगु ब्लॉकबस्टर ‘आरएक्स 100’ की सपाट कॉपी है। ‘आरएक्स 100’ के बारे में कहा जाता है कि ये फिल्म वास्तविक घटनाओं से प्रेरित होकर बनाई गई थी। फिल्म का कथानक बहुत ही चौंकाने वाला है और सत्य के समीप लगता है। एक विधायक की बेटी उसके पिता के दोस्त के बेटे से प्यार का खेल खेलती है।
उसके खेल में शरीर की भूख अधिक और प्रेम कम होता है। टेम्परेरी प्रेमी उसके लिए महज एक खिलौना है। टेम्परेरी प्रेमी वन नाइट स्टैंड में विश्वास नहीं रखता। वह लड़की के प्यार में पागल हो चुका है। जब दीवानगी बढ़ती है तो लड़की उसे रास्ते से हटाने का निर्णय ले लेती है। यदि ‘तड़प’ ने शुरुआती दिनों में अच्छा कलेक्शन किया है तो उसे अहान शेट्टी और तारा सुथारिया की जीत मान लेना तर्कसंगत नहीं होगा।
इस फिल्म की स्क्रिप्ट ही असली विजेता है। इस स्क्रिप्ट में काम करने वाले कलाकार तो महज टूल की भांति कार्य कर रहे हैं। बॉलीवुड की प्रथा है कि यहाँ स्टार किड्स प्रेम कहानियों से फिल्मों में एंट्री लेते हैं। प्रेम कथा से कॅरियर शुरु करना अच्छा माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि एक्टिंग की दूकान अधिक दिनों तक चलती है। सो यहाँ अहान को लांच करने के लिए साजिद नाडियाडवाला की मदद ली गई।
एक तेलगु फिल्म की स्क्रिप्ट को हिन्दी पट्टी के अनुसार ढाला गया। मिलन लुथरिया जैसा सिद्धहस्त निर्देशक लिया गया। अहान शेट्टी के अभिनय के रेंज आसानी से समझी जा सकती है। वे बेहद ही औसत अभिनेता हैं। उनके पास दिखाने को दो चार एक्सप्रेशंस हैं। एक गुस्से वाला और एक मायूसी वाला भाव अधिक दिखाई देता है। चूँकि उनके कॅरियर की शुरुआत है इसलिए गहराई की उम्मीद पालना जल्दबाज़ी होगी।
फ़िलहाल तो वे अन्य स्टार किड्स की तरह ही दिखाई देते हैं। उनके अंदर ऋत्विक रोशन या सनी देओल जैसा जलवा भी नहीं दिखाई देता। उल्लेखनीय है कि ऋत्विक और सनी स्टारकिड्स ही हैं। तारा सुथारिया ने अहान से अधिक प्रभावित किया है। अभिनय में उनका भविष्य उज्जवल दिखाई देता है। जैसा कि मैंने ऊपर लिखा कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट ही असली विजेता है।
एक दिल छू जाने वाली कहानी पर मिलन लुथरिया ने अच्छी मेहनत की लेकिन अहान का सपाट अभिनय उनके काम को निखार नहीं सका। सुनील शेट्टी स्वयं एक औसत अभिनेता रहे हैं। अब उन्होंने कम प्रतिभाशाली बेटे को लॉन्च कर दिया है। हालाँकि भविष्य ये तय कर देगा कि अहान अपने पिता की लकीर से लंबी लकीर खींच पाएंगे या अपनी बहन आथिया शेट्टी की तरह गुमनामी में खो कर रह जाएंगे।