यदि मैं सर्वे-सर्वा होता , देश का भाग्य-विधाता होता ;
सबसे पहला काम ये करता , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाता ।
बाद में क्रमशः ये सब करता,तनिक भी टस से मस न होता;
भ्रष्टाचार खत्म सब करता , उसकी सजा मौत ही करता ।
सारा आरक्षण समाप्त करता और सबका संरक्षण करता ;
तुष्टीकरण की ऐसी – तैसी , तृप्तिकरण न होने देता ।
सारे मंदिर मुक्त कराता , सारी भूमि वापस दिलवाता ;
जितना भी धन लुटा है उनका,सब का सब वापस करवाता।
धार्मिक शिक्षा की खुली छूट, हर हिंदू को हर हाल में होती ;
झूठा इतिहास बनाने वालों की,असली जगह जेल में होती ।
सच्चा इतिहास तुरन्त बनवाता , झूठे का मुँह काला होता ;
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर,जेहादी का कोई भाव न होता।
सरकारी – अब्बासी – हिंदू ने , जो बोया है वही काटता ;
पूरी- पूरी जांच सभी की , करनी का फल भोगना पड़ता ।
शिक्षा, धर्म, चिकित्सा का , कोई काला – व्यापार न होता ;
डालर और दीनारी बाबा को , पूरा – पूरा नंगा करता ।
पूरे देश का अतिक्रमण हटाता , भेदभाव होने न देता ;
जस का तस कानून हो लागू,केवल कानून का शासन होता
सांसद और विधायक इनको , कोई भी पेंशन न मिलती ;
वेतन – भत्ते भी न्यायोचित , व्यर्थ-सुरक्षा पूरी हटती ।
राजनीति – गंदी भारत की , पूरी तरह स्वच्छ करता ;
चुनाव प्रचार सब बन्द कराता , सब प्रचार टीवी पर होता ।
राजनीति का काले – धन से , कोई नाता रहने न देता ;
ऐसी गड़बड़ करने वाले को , हर हालत में जेल भेजता ।
रक्षक जो भक्षक बन जाते , उनको ज्यादा सजा दिलाता ;
ऐसी मिसाल कायम हो जाती , कोई साहस न करता ।
पाखंडी , कमजोर व कायर , राजनीति में रहने न पाते ;
शाहीन – बाग फिर कहीं न होते , रोड-जाम भी हो न पाते ।
मन की बात है धोखेबाजी , अब तो सच्ची बात ही होगी ;
डीएनए की बात न होगी , मजहब की कोई घात न होगी ।
बहुत लुट चुका राष्ट्र हमारा और नहीं लुटने देंगे ;
राष्ट्र – विरोधी जितने कृत्य हैं , कतई नहीं होने देंगे ।
हिंदू – राष्ट्र बनेगा भारत , सबका सम्मान सुरक्षित होगा ;
विश्वगुरु तब बनेगा भारत , पूरा विश्व ज्ञानमय होगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”