विपुल रेगे। सुदीप्तो सेन की नई फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ बॉक्स ऑफिस पर ‘डार्क हॉर्स’ सिद्ध हो सकती है। लव जिहाद और आतंकवाद के नज़रिये से देखे तो ये फिल्म एक जलता अंगारा है, जो जलते हुए सवाल दर्शक के सामने रखती है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। ट्रेलर को मिल रही प्रतिक्रियाओं के बाद ‘द केरल स्टोरी’ एक हॉट प्रोडक्ट बन चुकी है। 5 मई को रिलीज होने जा रही इस फिल्म को बंपर ओपनिंग लगने की पूरी उम्मीद दिखाई देती है।
तमाम कानूनी अड़चनों से बाहर आने के बाद ‘द केरल स्टोरी’ रिलीज के लिए तैयार है। पिछले साल फिल्म का टीजर आने के बाद केरल के पुलिस महानिदेशक ने फिल्म के निर्माताओं के विरुद्ध एफआईआर करने का आदेश दे दिया था। इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई थी। सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनाई गई इस फिल्म के अनुसार केरल की 32 हजार लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया और फिर बाद में आतंकवादी समूह ISIS में शामिल किया गया।
टीजर के रिलीज होने के साथ ही इसके विरोध में आवाजें उठने लगीं। हालाँकि फिल्म निर्माताओं ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के साथ हुई बातचीत को अपनी कहानी का आधार बनाया था। निर्देशक सुदीप्तो सेन के अनुसार ओमन चांडी ने कहा था कि हर साल लगभग 2,800 से 3,200 लड़कियां इस्लाम अपना रही हैं। इस तरह 10 साल में ये संख्या 32,000 तक पहुंच गई। फैक्ट चैक करने वाली एक कथित न्यूज़ एजेंसी ऑल्ट न्यूज़ के अनुसार ये आंकड़े फर्जी हैं।
हालाँकि केरल के हालात देखते हुए कहानी में सत्य का पुट अवश्य झलकता है। ट्रेलर देखने के बाद दर्शक आसानी से समझ सकता है कि ये एक ऐसी हिन्दू लड़की की कहानी है, जिसे धीरे-धीरे षड्यंत्रपूर्वक अपने धर्म से भटकाकर लव जिहाद का शिकार बनाया जाता है। लव जिहाद के बाद उसे आईएस के आतंकी समूह में शामिल होने को मजबूर किया जाता है। ये एक मार्मिक कहानी है, जिसे सुदीप्तो ने वास्तविक शैली में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। फिल्म में मुख्य भूमिका अदा शर्मा निभा रही हैं।
फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह हैं। ट्रेलर को जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। विशेष रुप से सोशल मीडिया ‘द केरल स्टोरी’ की प्रशंसाओं से भरा पड़ा है। फिल्म को तगड़ी ओपनिंग लग सकती है, साथ ही इसे विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है। केरल में निश्चित रुप से फिल्म का विरोध किया जाएगा। संभव है कि वहां ये फिल्म रिलीज ही नहीं होने दी जाए। इस फिल्म को लेकर कांग्रेस शासित और भाजपा शासित राज्यों में अलग-अलग ट्रीटमेंट देखने को मिल सकता है।
ये भी संभव है कि कोई व्यक्ति रिलीज रोकने के लिए कोर्ट में चला जाए। ये तो तय है कि फिल्म देश में लव जिहाद और आतंकवाद पर नई बहस खड़ी करेगी।