“संदीप देव” को सुनकर हिंदू ! गंदी-राजनीति को जानो ;
अब्बासी-हिंदू ने छुपा रखा है, पूरे सत्य को ठीक से जानो ।
हिंदू – जनता भटक रही है , अब्बासी – हिंदू भटकाव है ;
अब्बासी – हिंदू को नंगा कर दो , तब ही आये ठहराव है ।
अब्बासी-हिंदू परम-शत्रु है , भारत की हिंदू-जनता का ;
गला कटाता है हिंदू का , सौदागर है सत्ता का ।
ये कायर, कमजोर, नपुंसक , शाहीन – बाग से डरता है ;
रोड – जाम तक हटा न पाये , पर कुर्सी से चिपकता है ।
ये क्यों दुश्मन है हिंदू का ? कुछ तो गहरी रंजिश है ?
इसके साथी अब्राहमिक हैं , उनसे मिलकर ये साजिश है ।
हिंदू ने कितना धोखा खाया ? कितने हिंदू ने गला कटाया?
कोई नहीं बचाने वाला , सबने हिंदू को भटकाया ।
धन्यवाद है सोशल-मीडिया , साधुवाद “संदीप देव” को ;
हर साजिश को किया उजागर, सामने लाये “सत्यमेव” को ।
हिंदू का अज्ञान ही उसको , सबसे ज्यादा क्षति पहुँचाता ;
शत्रु-बोध सब खुरच-खुरच कर, निर्दोषों का गला कटाता ।
हिंदू को अपनी जान बचाना , शत्रु-बोध को जागृत करना ;
सद्गुण – विकृति पूरी छोड़ो , अब्बासी – हिंदू से बचना ।
धर्म-सनातन को अपनाना , अपने बच्चों की जान बचाना ;
रामायण , गीता , महाभारत , पढ़ना व बच्चों को पढ़ाना ।
सरकारें अब्बासी – हिंदू , झूठा – इतिहास पढ़ाती हैं ;
हिंदू – बच्चों को गंदी – शिक्षा , जिम्मी उन्हें बनाती हैं ।
रुपया – पैसा सभी व्यर्थ है , यदि जीवन ही न बचना है ;
अब्बासी – हिंदू के शासन में , हिंदू को तो मरना है ।
हिंदू को ये भेड़ बनाकर , जहाँ चाहते हाँकते रहते ;
कायर , कुटिल , नपुंसक नेता , इसी तरह सत्ता में रहते ।
पर अब हिंदू जान रहा है , भला बुरा पहचान रहा है ;
सोशल-मीडिया के अमृत से , झूठे-जहर को मार रहा है ।
सभी दलों की सच्चाई को , हिंदू ठीक से जान गया है ;
विकल्पहीन अब नहीं है हिंदू , दुश्मन को पहचान गया है ।
“शाप-मुक्त” करने भारत को , “एक-नयी-गंगा” आयी है ;
जम्मू में गंगोत्री इसकी , “इकजुट-जम्मू” आयी है ।
इकजुट-जम्मू , इकजुट-हिंदू , इकजुट-भारत इसे बनाओ ;
सत्यनिष्ठ को सत्ता देकर , भारत का “हर-पाप” मिटाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”