मंदिर से क्यों चिढ़ है इतनी ? जगह-जगह ही तोड़ रहा ;
हुआ मानसिक खतना जिसका , गलियारों को जोड़ रहा ।
अभी भी हिंदू न जागा , तो मौत की नींद ही आयेगी ;
बहुत ही बुरी दुर्गति होगी , समझो गर्दन कट जायेगी ।
तुर्क-मुगल तक कर न पाये , अब्बासी-हिंदू करवा देगा ;
एक-एक मंदिर तोड़-तोड़ कर , भारतवर्ष मिटा देगा ।
भारतवर्ष है हिंदुस्तान , मूल – शब्द है हिंदूस्थान ;
जहां न रह पायेगा हिंदू , वो काहे का हिंदुस्तान ।
हिंदुस्तान बचाना है , अब्बासी – हिंदू को भगाना है ;
“एकम् सनातन भारत” लाकर, अच्छी सरकार बनाना है ।
सन् चौबीस है आने वाला , ये चुनाव निर्णायक होगा ;
या तो हिंदू बचा रहेगा , या फिर उसको मिटना होगा ।
कहाँ जाओगे देश छोड़कर ? क्या कोई और ठिकाना है ?
अब्राहमिक हैं दुनिया भर में , लौट के भारत ही आना है ।
हमको इसी देश में रहना , इसको हमें बचाना है ;
चीन-पाक से बड़ा शत्रु है , अब्बासी-हिंदू को हटाना है ।
महामूर्ख जितने हिंदू हैं , इसको समझ नहीं पाते हैं ;
शांति का मजहब कहते-कहते , अपना गला कटाते हैं ।
मुफ्त में जान गंवाना छोड़ो , हिंदू शान से जीना सीखो ;
सर्वश्रेष्ठ है धर्म-सनातन , युद्ध में विजयी होना सीखो ।
जिसको आता धर्म पे मरना , समझो वो ही जिंदा है ;
अब्बासी – हिंदू जो नेता है , उस पर भारत शर्मिंदा है ।
कितना हुआ देश शर्मिंदा और नहीं होने देना है ;
हिंदू को इक्कजुट होना है , हमें शान से जीना है ।
सारे काम छोड़ दो पीछे , है सबसे जरूरी काम यही ;
जिससे होवे धर्म की रक्षा , सबको करना काम वही ।
जो भी होगा धर्म का रक्षक , उसको सत्ता में लाना है ;
हिंदू – धर्म के जितने दुश्मन , सत्ता से उन्हें हटाना है ।
“एकम् सनातन भारत” लाकर , हिंदू – धर्म बचाना है ;
तभी बचेगा अपना भारत , पूर्ण – सुशासन लाना है ।
कानून का शासन-पूर्ण सुशासन , तभी धर्म बच पाना है ;
अब्बासी-हिंदू का जंगल-शासन , इसको दूर हटाना है ।
तभी विश्व भी बच पायेगा , धर्म का शासन लाना है ;
“एकम् सनातन भारत” साधन है,” राम-राज्य” ही पाना है ।