हर-हाथी की सूंड में चींटी
राजनीति का बड़ा है हाथी , तथाकथित हिंदूवादी दल ;
एकम् सनातन भारत दल चींटी,पर सूंड में घुस जाने का बल ।
हर हाल में इसकी सूंड में घुसना , ये रणनीति बनानी है ;
हर चुनाव में ताल ठोंक कर , इसे पटखनी देनी है ।
हाथी जब पगला जाता है , अपनों को ही रौंदा करता ;
यही हो रहा है भारत में , बेगुनाह हिंदू ही मरता ।
महामूढ हिंदू अनजाना , पागल – हाथी पाल रखा है ;
अंकुश अपने पास न रखता,क्यों अपनी मौत को चाह रहा है?
पागल – हाथी के पैरों से , कितने हिंदू ! कुचल चुके हैं ?
कितने तीर्थ-स्थल भ्रष्ट हो चुके ? कितने मंदिर टूट चुके हैं ?
हाथी अपना सारा-बोझा , हिंदू ! तुम पर ही लाद रहा है ;
टैक्स – बोझ से कमर तोड़कर , तृप्तिकरण में लुटा रहा है ।
दुनिया भर में घूमा करता , जगह – जगह अय्याशी है ;
पूरा – खर्चा देश भुगतता , फिर भी क्यों शाबाशी है ?
ये हाथी मदमस्त हो चुका , उपचार जरूरी करना है ;
हर – हाथी की सूंड में चींटी , हर – चुनाव में करना है ।
हर – चींटी से ये ही कहना , बिलकुल हिम्मत मत हारो ;
निर्भय होकर सूंड में घुसकर , दृढ़ निश्चय से हाथी मारो ।
माना हाथी बहुत धनी है , पूरा – पूरा ब्लैक – मनी है ;
पर है कायर-कमजोर-नपुंसक , मर्दों वाली बात नहीं है ।
“एकम् सनातन भारत” दल है , चरित्रवान कर्तव्यनिष्ठ ;
धर्म – सनातन की शक्ति है , शत-प्रतिशत है धर्मनिष्ठ ।
सर्वश्रेष्ठ हिंदूवादी – दल , “राम – राज्य” को लाना है ;
पूरी तरह स्वतंत्र हो हिंदू , इसकी सरकार बनाना है ।
अब्बासी-हिंदू नेता को जानो, झूठ की नींव पर खड़ा हुआ है ;
हिंदू की पीठ पर छुरा मारता , म्लेच्छ के आगे बिछा हुआ है ।
प्रेस – मीडिया पूरा – झूठा , झूठी – खबर दिखाता है ;
अरबों – खरबों पैसा खाकर , ये डकार न लेता है ।
केवल नेता का महिमा – मंडन , झूठ-मूठ सब करता है ;
मास्टरस्ट्रोक – वादी भी साथ है , हिंदू को धोखा देता है ।
अब तक हिंदू ने धोखा खाया , अपना गला कटाया है ;
पर अब होगा पूर्ण सुरक्षित, “एकम् सनातन भारत” आया है ।
हर-हिंदू को जानना होगा , अपना जीवन-रक्षक पहचानो ;
कौन है रक्षक,कौन है भक्षक ?कठिन समय है अब तो जानो।