चुनाव धांधली हो सकती है , इस पर भी तो विचार हो ;
बिना समर्थन कैसे जीता ? उस पर गहन विचार हो ।
लोकतंत्र जब लगा दांव पर , तब तो पूर्ण – सुरक्षा हो ;
जब देश के चौकीदार चोर हों , तब कैसे देश की रक्षा हो ?
सुप्रीम-कोर्ट ही अंतिम आशा , लोकतंत्र का ये प्रहरी है ;
इसको ही कुछ करना होगा , साजिश जब इतनी गहरी है ।
जब रक्षक ही बन गये हों भक्षक , लूटतंत्र का राज है ;
कानून – व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी , पूरा जंगल – राज है ।
सरकारीकरण रिश्वत का हुआ है , मुफ्त का राशन-पानी है ;
नीलामी वोटों की होती , पूरे भारत की कहानी है ।
लगता जैसे देश के दुश्मन , सरकारों को चला रहे हैं ;
लूटो , खाओ , मौज मनाओ , अय्याशी को बढ़ा रहे हैं ।
कितना बड़ा दिखावा करते ? गांधी की पूजा करते हैं ;
गांधी की केवल एक ही धोती , ये दिन भर वस्त्र बदलते हैं ।
बात – बात पर फोटोग्राफी , बार – बार रीटेक भी होते ;
अभिनेत्री तक शरमा जाये , उनके ऐसे मेकअप होते ।
इसके जीवन में पूर्ण दिखावा , ये है पूरा खाली डिब्बा ;
अब्बासी – हिंदू नेता ऐसा है , जैसे हो गुंडों का अब्बा ।
इस्लामी-शासन इसको भाता है , पूरा अधिनायकवादी है ;
असल में हिंदू का दुश्मन है , पर नाटक हिंदू – वादी है ।
हिंदू ! इसके जाल से बचना , अपना शिकार न होने देना ;
कितना भी हो चतुर शिकारी, एक दिन अपने जाल में फंसना ।
हिंदू ! सावधान हो जाओ , अब्बासी-हिंदू है चतुर-शिकारी ;
तेरा बनकर तुझको ठगता है , इसको मानो कैंसर बीमारी ।
ये कैंसर है लोकतंत्र का , धर्म मिटाने आया है ;
जागो हिंदू ! अब तो जागो , वरना अंत-समय आया है ।
आम – चुनाव आने वाले हैं , पाँच – माह ही शेष बचे हैं ;
इसी में हिंदू ! तुझे संभलना , तेरे दिन बस बचे खुचे हैं ।
अब्बासी-हिंदू साजिश का हिस्सा, गजवायेहिंद की साजिश है ;
अब्राहमिक – ग्लोबल – एजेंडा , धर्म मिटाने की साजिश है ।
हिंदू ! इससे बच सकते हो , बस अच्छी-सरकार बनाओ ;
“एकम् सनातन भारत” दल की , हिंदूवादी सरकार बनाओ ।
होने मत देना चुनाव धांधली , हर कीमत पर करो सुनिश्चित ;
सुप्रीम – कोर्ट के द्वारा होगी , लोकतंत्र की रक्षा निश्चित ।