लगभग है इस्लामी – शासन , अब्बासी – हिंदू ले आया ;
हिंदू-वोटो की क्यों हो चिंता ? ई वी एम को हैक कराया ।
तुष्टिकरण का खेल चल रहा , सारे दल ही खेल रहे हैं ;
अब्बासी-हिंदू इसका चैंपियन , देश के हिंदू झेल रहे हैं ।
अबकी बार जो सत्ता पाया , हिंदू का बचना मुश्किल है ;
अब्बासी-हिंदू नेता के रहते , देश में कुछ भी मुमकिन है ।
हिंदू को जान बचाना है , ई वी एम हटाना है ;
मत – पत्रों की पुनः बहाली , अच्छी – सरकारें पाना है ।
अभी तो म्लेच्छों की संख्या कम, इसी से हिंदू बच सकता है ;
पाँच-साल के बाद देखना , हिंदू कैसे रह सकता है ?
अब्बासी-हिंदू के इस शासन में , लाखों-हिंदू चले गये ;
साधन-संपन्न थे जितने हिंदू , देश छोड़कर चले गये ।
अब्बासी – हिंदू यही चाहता , देश से हिंदू मिट जायें ;
क्योंकि ये दुश्मन हिंदू का , इसको हिंदू न भायें ।
पूरी दुनिया में हिंदू के दुश्मन , अब्राहमिक मजहब वाले ;
अब्बासी -हिंदू इनका गुलाम है , मिटा रहा है रखवाले ।
जो भी देश के रखवाले हैं , अब्बासी – हिंदू मिटा रहा है ;
अग्निवीर सेना में लाकर , सेना की ताकत घटा रहा है ।
पुलिस के हाथ बाँध रखे हैं , गुंडो को खुली छूट देकर ;
हिंदू की गर्दन काट रहे हैं , मजहब का नारा देकर ।
क्या हिंदू है अपना दुश्मन ? अब्बासी-हिंदू को वोट दे रहा ?
या फिर हिंदू महामूर्ख है ? जो अपना ही दुश्मन पाल रहा ।
ये दोनों ही नहीं है संभव , केवल कुछ अपवाद हैं ;
असली – कारण पर्दे के पीछे , चुनाव – तंत्र बर्बाद है ।
ई वी एम में हेरा – फेरी , बहुत – बड़े पैमाने पर ;
अब्बासी-हिंदू यही कर रहा , केवल हिंदू है निशाने पर ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , तेरा सब कुछ है खतरे में ;
धर्म – सनातन खतरे में है , पूरा – भारत है खतरे में ।
हिंदू ! अपना-रक्षक पहचानो , उसको रक्षा का मौका दो ;
“एकम् सनातन भारत” दल रक्षक, उसको ही अब मौका दो ।
साथ ही ई वी एम हटाओ , ऐसा आंदोलन ले आओ ;
पूरी तरह निष्पक्ष-चुनाव हों , मत-पत्रों को ले आओ ।
लोकतंत्र में असली – ताकत , जनता के हाथों में होती ;
पर जनता जब सो जाती है , तब सब हेरा-फेरी होती ।