गौ-हत्यारे मंदिर में घुसकर
सत्तर-प्रतिशत जब तक है हिंदू , भारत तब तक ही भारत है ;
इससे कम जैसे ही होगा , निश्चित होना महाभारत है ।
अब्बासी – हिंदू यही चाहता , गजवायेहिंद कराना है ;
यही तो उसका एजेण्डा है , हिंदू को मूर्ख बनाना है ।
सब कुछ है नाटक – नौटंकी , प्रचार – तंत्र सब झूठा है ;
हिंदू फंसा अज्ञान-भंवर में , मौत के मुंह में बैठा है ।
पता नहीं क्यों अपनी दुश्मन ? भारत की हिंदू-जनता है ;
पूरी दुनिया में विचित्र प्राणी , अब्बासी – हिंदू नेता है ।
ये जिस डाल में बैठा करता , उसी डाल को काटा करता ;
जिस थाली में खाना खाता , उसी में छेद किया करता ।
कायर,कमजोर,नपुंसक लोगों का, मिला है इसको पूरा साथ ;
तथाकथित हिंदूवादी दल , बना हुआ ये उसका नाथ ।
राष्ट्रीय समलैंगिक संघ , अब्बासी – हिंदू के भाई हैं ;
एक थैली के चट्टे – बट्टे , हिंदू चारा ये भाई हैं ।
यही है इनका भाई – चारा , चारागाह बन गया है देश ;
अब्राहमिक हैं इनके साथी , मिलकर लूट रहे ये देश ।
हजार – बरस से लूट मची है , दिन पर दिन बढ़ती जाती ;
आँखें मूँद रखी हिंदू ने , इसी से गर्दन कटती जाती ।
गौ-हत्यारे मंदिर में घुसकर , साधु की गर्दन काट रहे हैं ;
अब्बासी-हिंदू भी यही कर रहे , खड़ी फसल को काट रहे हैं ।
भारत का दुर्भाग्य यही है , चोर बन गया चौकीदार ;
देश की मालिक हिंदू-जनता , इसको समझी साहूकार ।
मीठे – मीठे सपने देखे , हिंदू बन गया मुंगेरीलाल ;
जल्दी ही सब लुट जायेगा , बचा लो हिंदू ! अपना माल ।
जान , माल , सम्मान लुटेगा , गर्दन भी कट जायेगी ;
गैंग – रेप बेटी संग होगा , धर्मान्तरित जबरन होगी ।
थोड़ा ही वक्त बचा है अब तो, हिंदू ! फौरन होश में आओ ;
धर्म , देश व राष्ट्र बचाने , अब तो अच्छी-सरकार बनाओ ।
बंद करो आपस के झगड़े , एक दूजे का रखो ध्यान ;
महाशक्ति तुम बन जाओगे , सारी जातियां एक समान ।
सारा स्वार्थ , लोभ , भय त्यागो , धर्म-सनातन में आओ ;
“एकम् सनातन भारत” दल की , सर्वश्रेष्ठ सरकार बनाओ ।
हिंदू ! कुछ भी नहीं असंभव , धर्म – मार्ग में आ जाओ ;
श्रद्धा – विश्वास बनाये रखना , “राम-राज्य” तक पा जाओ ।