हिंदू – चेतना का उभार ही , हिंदू – राष्ट्र बनायेगा ;
मानवता को बचा सकता है , धर्म व देश बचायेगा ।
हिंदू – चेतना का उभार ही , समानता को लायेगा ;
मूलभूत अधिकार सभी के , पूरी तरह बचायेगा ।
हिंदू – चेतना का उभार ही , शांति – सुरक्षा ला सकता है ;
दानवता का करके सफाया,न्याय का शासन ला सकता है ।
हिंदू – चेतना का उभार ही , मानव – धर्म बचायेगा ;
सारे मानव एक बराबर , विश्व – शांति लायेगा ।
हिंदू – चेतना का उभार ही , भ्रष्टाचार मिटायेगा ;
कानून का शासन ला सकता है , पूर्ण सुशासन आयेगा ।
हिंदू – चेतना का उभार ही , जीवन सफल बना सकता है ;
धर्म – सनातन के प्रकाश में , परम -लक्ष्य पा सकता है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”