विपुल रेगे। पिछले वर्ष भारत सरकार ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर समग्र सर्वे करवाया। पता चला कि सन 2015-16 की तुलना में इस वर्ष लड़कियों के जन्म लेने की संख्या बढ़ गई थी। ये मामूली सुधार था लेकिन ये बताने को काफी था कि भारत में लड़के और लड़की का संतुलन धीरे-धीरे सुधरता जा रहा है। ऐसे में रणवीर सिंह की जयेशभाई ज़ोरदार प्रदर्शित होती है और बुरी तरह पिट जाती है। कुछ समस्याओं को लेकर फ़िल्में बनाने में बॉलीवुड देर कर जाता है।
लड़कियों को जन्म होते ही मार दिए जाने की दूषित परंपरा अब विलुप्त होने को है। शिक्षा के उजास ने समाज की कई बेड़ियों को तोड़ दिया है। देखा जाए तो विगत दो दशक समाज में लड़कियों के उत्थान के लिए आदर्श सिद्ध हुए हैं। देश के कुछ क्षेत्रों में अब भी लड़कियों की स्थिति खराब है, लेकिन उतनी भयावह भी नहीं है, जितनी रणवीर सिंह की इस फिल्म में दिखाई गई है।
जयेशभाई एक रुढ़िवादी परिवार का वारिस है। वह छह बार पत्नी का गर्भ गिरवा चुका है। जयेश का परिवार केवल लड़का ही चाहता है। जयेश की पत्नी पुनः गर्भवती होती है लेकिन इस बार जयेशभाई ड्रामा खेलता है और अपनी अजन्मी बच्ची को बचाने का प्रयास करता है। ये कहानी बॉलीवुड की सैकड़ों फिल्मों में दोहराई जा चुकी है।
उनमे से कुछ सफल भी रही क्योंकि रिलीज के समय भारतीय समाज शिक्षित और जागरुक नहीं हुआ करता था। आज आधुनिक भारत में जयेशभाई ज़ोरदार जैसी फ़िल्में प्रसांगिक ही नहीं हैं। अब ऐसी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस मूल्य घटता जा रहा है। लेखक और निर्देशक दिव्यांग ठक्कर की ये फिल्म दर्शक को न प्रभावित कर पाती है और न उसे मनोरंजन के कुछ पल ही दे पाती है।
कहानी ऐसी है कि दर्शक आसानी से आगे के घटनाक्रमों का अनुमान लगा लेता है। जयेश भाई ज़ोरदार की सबसे कमज़ोर कड़ी इसका कथानक है। ये अविश्वसनीय कथानक दर्शक स्वीकार नहीं कर पाता है। निःसंदेह रणवीर ने इस किरदार के लिए अपना पूरा अनुभव झोंक दिया है। किन्तु केवल अच्छे अभिनय से फ़िल्में चलने लगती तो अमिताभ बच्चन के शानदार अभिनय वाली झुण्ड कभी फ्लॉप नहीं होती।
इस फिल्म को यशराज फिल्म्स ने वितरित किया है। मुश्किल है कि यशराज फिल्म्स को जयेशभाई से अच्छा मुनाफ़ा हो जाए। बॉलीवुड 2022 के आधे गुज़र जाने के बाद भी बड़ी हिट फ़िल्में नहीं दे पा रहा है। बॉलीवुड की बॉक्स ऑफिस खिड़की पर इस समय हॉलीवुड और टॉलीवुड का अघोषित कब्जा हो चुका है। नब्बे करोड़ के बजट से बनी ये फिल्म पहले दिन मात्र पांच करोड़ का कलेक्शन कर सकी है।
रणवीर सिंह को बॉलीवुड का सुपरस्टार माना जाता है। बॉलीवुड के सुपरस्टार की फिल्म पहले दिन पांच करोड़ पर सिमट जाए तो ये गहरा संकेत है। संकेत इस बात का है कि बॉलीवुड को भरभराकर गिरने में अधिक समय नहीं बचा है और बॉलीवुड के नीति-निर्धारक अब तक रोग का ही पता नहीं लगा सके हैं।