
Movie review :लंदन कॉन्फिडेंशल पूरी तरह से मौनी राय की फिल्म है
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अब नीली उत्तेजक फिल्मों की जगह रुचिकर पटकथाओं और अच्छे निर्देशन वाली फ़िल्में लेती जा रही हैं। पिछले दिनों हमने इस मंच पर बहुत सी स्तरीय फ़िल्में देखी हैं। अवरोध, काली, स्पेशल ऑप्स, जेएल50 ने दिखाया है कि यदि श्रेष्ठ स्क्रीनप्ले और गुणी निर्देशक मिल जाए तो ये मंच सिर्फ एकता कपूर की नीली फिल्मों की बपौती नहीं रहेगा। लंदन कॉन्फिडेंशल को भी इस स्तर की फिल्मों में सम्मिलित किया जा सकता है।
ZEE5 पर प्रदर्शित हुई लंदन कॉन्फिडेंशल भी इसी श्रेणी की फिल्म है, जिसे एक अच्छा प्रयास कहा जा सकता है। हालांकि इस फिल्म को नीलेपन की कालिख से दूर रखा जाना चाहिए था। जैसे जेएल50 में शारीरिक संबंधों के दृश्य दिखाने से परहेज किया गया था।
लंदन कॉन्फिडेंशल एक ऐसी पहली फिल्म है जो कोरोना काल में शूट की गई है। लंदन की पृष्ठभूमि पर बनाई गई इस फिल्म का विषय भी कोरोना के इर्द-गिर्द ही घूमता है। कहानी कुछ इस तरह है कि जब संसार कोरोना से उबरने का प्रयास कर रहा है, उस समय इससे भी खतरनाक एक वायरस भारत-चीन सीमा पर फैलना शुरू हो चुका है।
चीन ऐसे किसी भी वायरस के फैलने का खंडन कर रहा है। चीन की सीक्रेट एजेंसी इस खबर को दुनिया के सामने नहीं आने दे रही है। एक रॉ एजेंट किसी चीनी महिला के संपर्क में है, जो वायरस के बारे में सटीक जानकारी देना चाहती है। अंडरकवर एजेंट धीरेन घोष की हत्या हो जाती है। लंदन में होने वाली एक कॉन्फ्रेंस में वह महिला आने वाली है। उस तक रॉ के अलावा चीन की ख़ुफ़िया एजेंसी भी पहुंचना चाहती है।
निर्देशक कंवल सेठी की ये फिल्म उन घटनाओं के आधार पर बनाई गई है, जो इस कोरोना काल में अब तक घट रही है। कोरोना के विकराल होने के बाद लगातार ये ख़बरें आती रही कि कई चीनी पत्रकार गायब हो गए, जो इस चीनी षड्यंत्र का सत्य दुनिया को बताना चाहते थे।

वुहान की लैब के एक तकनीशियन की रहस्यमयी परिस्थिति में मृत्यु हो गई थी। कोरोना से जुड़े तथ्यों को पब्लिक डोमेन से गायब कर देने का षड्यंत्र तो भारतवासी जानते ही हैं। निर्देशक ने एक ईमानदार फिल्म बनाने का प्रयास किया है। ये एक तेज़ गति से भागती थ्रिलर है, जिसमे किरदारों का कमाल का कैरेक्टराइजेशन किया गया है।
इन्हीं किरदारों के कारण ये फिल्म रुचिकर हो जाती है। इसमें अंत तक ग्रिप बनी रहती है। कोरोना की चीनी साजिश का एक एसेंस हम इस फिल्म में देख पाते हैं। हम महसूस कर पाते हैं कि भारतीय जनमानस के मन में इस वायरस के प्रति जो संदेह जागृत हुआ है, वह हमारे कलाकारों के मन को भी छू रहा है।
मौनी राय को पहली बार प्रभावोत्पादक अभिनय करते देखना आश्चर्य से भर जाने जैसा रहा। उनकी पिछली फिल्मों में कहीं से भी ऐसा नहीं लगा था कि ये रूपसी कभी अभिनय भी कर सकती है। आठ फिल्मों में अप्रभावी रही मौली यहाँ बहुत असरदार सिद्ध होती हैं। ये पूरी तरह से उनकी फिल्म है।
उन्होंने जिम्मेदारी के साथ फिल्म को अपने कंधों पर ढोया है। एक गर्भवती रॉ अधिकारी के रूप में उनके अभिनय की गहराई पहली बार देखी जा सकती है। ये फिल्म मौली के असफल कॅरियर को रफ़्तार देगी। पूरब कोहली, कुलराज रंधावा और मोहन कपूर भी अच्छा अभिनय करते दिखाई दिए हैं।
कुछ लोगों की शिकायत हो सकती है कि फिल्म में कोरोना को लेकर अधिक काम नहीं किया गया। फिल्म निर्देशक ने कोरोना काल को फिल्म के बैकड्रॉप की तरह प्रयोग किया है। कोरोना इस फिल्म के लिए एक प्रतीक चिन्ह था, पूरी विषयवस्तु नहीं थी।
इस फिल्म में एक ही अखरने वाली बात है। इसमें अश्लील दृश्यों की कोई आवश्यकता नहीं थी। ये दृश्य नहीं डाले जाते, फिर भी फिल्म की गुणवत्ता पर कोई बुरा प्रभाव नहीं होता। जब आप एक अच्छी फिल्म में वयस्क दृश्य डालते हैं तो दर्शक वर्ग सिमट जाता है।
वह फिल्म परिवार के साथ देखने लायक नहीं रह जाती। इस फिल्म को वयस्क दर्शक ही देखे, बच्चों के लिए ये फिल्म ठीक नहीं है। इस कमी के बावजूद ये एक दर्शनीय फिल्म है और आपके पूरे पैसे वसूल कराती है।
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment
Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 9540911078
We have our own likes & dislikes