विपुल रेगे। शाहरुख़ ख़ान की ‘पठान’ एक नज़र में मनोरंजक फिल्म है। इसमें ऐसे कई मूमेंट्स हैं जो दर्शक को विशुद्ध मनोरंजन प्रदान करते हैं। हालाँकि यशराज फिल्म्स अपने चिर-परिचित सेकुलरिज़्म से पीछा नहीं छुड़ा सका है। फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा का ‘पकिस्तान प्रेम’ यहाँ भी भरपूर दिखाई दिया है। ये एक एक्शन पैक्ड फिल्म है और शाहरुख़ -जॉन अब्राहम के करिश्मे से बॉक्स ऑफिस पर दौड़ रही है।
‘पठान’ एक रॉ एजेंट की कहानी है। एक ऑपरेशन के दौरान वह पकड़ा जाता है। एक अन्य रॉ एजेंट ‘जिम’ बागी हो जाता है। जिम पकिस्तान के आर्मी जनरल कादिर के कहने पर भारत के विरुद्ध खतरनाक साज़िश प्लान करता है। जिम एक प्रोफेशनल आतंकी है, जो पैसे के लिए काम करता है। जब हालात बेकाबू हो जाते हैं तो पठान को बुलाया जाता है। ये कहानी बहुत सी फिल्मों में बहुत बार पेश की जा चुकी है।
इस प्लॉट पर हॉलीवुड में बहुत सी फिल्में बन चुकी है। विलेन बदला लेने के लिए कोई वायरस या बम लेकर आता है, फिर उसे पकड़ने की कवायद चलती है। ‘पठान’ में कहानी का प्रस्तुतिकरण अच्छा किया गया है। शाहरुख़ की बहुत दिनों बाद वापसी भी फिल्म के लिए लाभकारी रही है। ‘पठान’ मुख्यतः शाहरुख़ और जॉन अब्राहम के स्टार पॉवर पर टिकी हुई है।
वीएफएक्स औसत है लेकिन एक्शन सीक्वेंस अच्छे ढंग से फिल्माए गए हैं। व्यावसायिक दृष्टि से निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने एक कमाऊ फिल्म बनाई है। दीपिका पादुकोण का किरदार लंबा है लेकिन असर नहीं छोड़ता। उनका लुक निगेटिव शेड्स का आभास देता है। फिल्म में सलमान खान का एक कैमियो है। इस कैमियो में सलमान ने एक्शन किया है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक सेफ प्रोडक्ट है लेकिन सवाल फिर भी उठता है।
एक पाकिस्तानी एजेंट का किरदार फिल्म में क्यों रखा गया है? पाकिस्तान का इन्वॉल्वमेंट यशराज की ‘स्पाई यूनिवर्स’ में क्यों होता है? क्या इसके बिना फिल्म नहीं बनाई जा सकती ? किसी न किसी दृश्य में पाकिस्तान की वफादारी दिखाना यशराज फिल्मों का अलिखित नियम बन चुका है। रिलीज के पहले दिन ‘पठान’ लगभग चालीस से पचास करोड़ की ओपनिंग कर सकती है।
फिल्म समीक्षकों और ट्रेड पंडितों को ये स्वीकार करना चाहिए कि शाहरुख़ ख़ान ने ज़ोरदार कमबैक किया है। हालाँकि फिल्म के एक्शन शाहरुख़ के बॉडी डबल ने किये हैं। वीएफएक्स के बजाय एक्शन ही वह एलिमेंट रहा है, जो फिल्म की यूएसपी बन गया। सिनेमेटिक लिबर्टी ली गई है। शाहरुख़ और जॉन को ऐसे ग्लाइडर्स दे दिए गए, जो गोली भी चलाते हैं।
दीपिका पादुकोण द्वारा बड़ी सी मशीनगन चलाने वाला सीन हाल ही में प्रदर्शित हुई कमल हासन की ‘विक्रम’ से सीधा-सीधा उड़ा लिया गया है। बैकग्राउंड स्कोर बहुत अच्छा है। फिल्म के वाहियात गीतों से अच्छा इसका बैकग्राउंड स्कोर है। दर्शकों ने फिल्म को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इससे आने वाले दिनों में फिल्म के कलेक्शन अच्छे रहेंगे।
फिल्म की रिलीज के पहले दिन हिंदूवादी संगठनों ने ज़मीन पर उतरकर फिल्म का विरोध किया। कई शहरों में पुलिस की सुरक्षा में शो कराए गए। शाहरुख़ खान की ‘पठान’ में दो समस्याएं हैं। पहली है आदित्य चोपड़ा का ‘पाकिस्तान प्रेम’ और दुसरा जेनएयू स्टैंड के लिए कुख्यात दीपिका पादुकोण। ये दो समस्याएं न होती तो मैं आपको ये फिल्म देखने के लिए प्रेरित कर सकता था।