दुश्मन , गुंडे , बर्बर , हत्यारे , तुम समझो उनको बेचारे ;
कैसी भ्रष्ट हुयी तेरी मति , उल्टे दुश्मन हो गये हमारे ।
ये दुर्गुण तो थे गांधी के , उनसे तेरे अंदर आये ;
बंद करो गांधी का पूजन , वरना सारे दुर्गुण छाये ।
सर्वश्रेष्ठ आदर्श हमारा , नाथूराम गोडसे है ;
राम की तरह रावण को मारा , सच्चे सपूत उस जैसे हैं ।
जीवित अगर गोडसे होते , एक भी रावण न होता ;
हिंदू- राष्ट्र बन गया होता , रामराज्य भारत में होता ।
कोई हिंदू धिम्मी न होता , परम साहसी ही सब होते ;
कहीं नहीं कोई दंगा होता , सदा सुखी सब हिन्दू होते ।
नाथूराम ने राह दिखाई ,सबको उस पर चलना है ;
और नहीं कोई मार्ग है दूजा , याद सभी को रखना है ।
इकलौता बस मार्ग यही है , राष्ट्र का गौरव लाने का ;
गांधीवाद धिक्कृत जरिया है , राष्ट्र का शौर्य मिटाने का ।
गांधी वध हो चुका है पर अब , गांधीवाद मिटाना है ;
सारे राष्ट्र में गांधी बुत को , तोड़ – तोड़ बिखराना है ।
नामोनिशान मिटे गांधी का , धिम्मीवाद हटाना है ;
चाहे कुछ भी हो जाये पर , अपना राष्ट्र बचाना है ।
राष्ट्र रहेगा हम भी रहेंगे , राष्ट्र के दुश्मन नहीं रहेंगे ;
जिनको प्यारा भारत होगा , अब तो केवल वही रहेंगे ।
राष्ट्रप्रेम अधिनियम बनाओ , राष्ट्रप्रेम अनिवार्य बनाओ ;
राष्ट्र में दुश्मन जितने भी हैं ,उन सबको अब मार भगाओ ।
बलिदान सफल हो बलिदानी का , ऐसे ही कानून बनाओ ;
अनुपयुक्त कानून हैं जितने , उनको अब तत्काल हटाओ ।
राष्ट्रभक्ति सर्वोच्च हो सबसे , सारे मजहब नीचे लाओ ;
कोई नहीं धर्मशाला है , भारत को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
शासन करने वाले सुनलें , संकट की आ रही है आहट ;
गजवायेहिंद की है तैयारी , पर बहरे न सुन सकें ये आहट ।
युद्ध भयंकर हो सकता है , खून की नदियां बह सकती हैं ;
पर यदि हिंदू राष्ट्र बनेगा , तो ये मुसीबत टल सकती है ।
इसीलिये अब मजबूरी है , देश को हिंदू- राष्ट्र बनाओ ;
बलिदानवीर की अंतिम इच्छा, उसको अब साकार बनाओ।
“वंदे मातरम- जय हिंद”
रचयिता : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”