“संदीप-देव” जैसे जितने हैं
अब्बासी-हिंदू को हिंदू समझना , बड़ी भयंकर भूल है ;
जाने-अनजाने जो ये कहते , बिछा रहे वे शूल हैं ।
जितने भी महामूर्ख-हिंदू हैं , बुरी तरह से भ्रमित हो गये ;
तनिक नहीं सच्चाई जानी , बस धोखे पर फिदा हो गये ।
हिंदू ! अपने परम-शत्रु को , अपना मित्र समझते हैं ;
अपना हृदय-सम्राट बनाकर , उसको सम्मानित करते हैं ।
ऐसा हिंदू ! कहाॅं बचेगा ? निश्चय ही असमय मरना है ;
जान , माल , सम्मान जायेगा , धर्म भी नहीं बचना है ।
हिंदू ! अब तो आंखें खोलो , वरना बंद सदा को होंगी ;
पढ़े-लिखे तक महामूर्ख हैं , ऐसी कौम कहीं न होगी ।
बड़े-बड़े डॉक्टर-अभियंता , पता नहीं कितने अधिवक्ता ?
अब्बासी-हिंदू के पीछे पागल , जबकि वो है धर्म का हंता ।
कितने पौराणिक-मंदिर तोड़े ? म्लेच्छों से तुड़वाता है ;
शास्त्र-विरुद्ध की प्राण-प्रतिष्ठा , “राम” को नीचे करता है ।
अंग्रेज-मुगल से आगे बढ़कर , धर्म-सनातन का दुश्मन है ;
अब तो लगने लगा यही है कि भारतवर्ष का दुश्मन है ।
सैन्य-शक्ति को क्षीण कर रहा , कानून कर रहा है नाकाम ;
गजवायेहिंद को करवा देगा , यही है इसका असली काम ।
पता नहीं इस देश की किस्मत,आखिर किस दिन जागेगी ?
सच्चाई जब सब जानेंगे , उस दिन ही किस्मत जागेगी ।
“संदीप-देव” जैसे जितने हैं , कर्तव्यनिष्ठ जितने पत्रकार ;
इनका सम्मिलित प्रयास ही अब तो ,करे देश का बेड़ा पार ।
सच की अलख जगानी होगी , हर हिंदू ! सच्चाई जाने ;
अब्बासी-हिंदू का असली चेहरा , पूरा भारत-वर्ष ये जाने ।
केवल सच्चाई की ताकत,सोयी-जनता को जगा सकती है ;
ईवीएम को लगा ठिकाने , अच्छी-सरकार बना सकती है ।
भारत का भविष्य है उज्जवल , हिंदू-जागरण शुरू हो रहा ;
डॉलर,दीनारी,सरकारी-बाबा,इनके चेहरों का झूठ नुंच रहा ।
इसी तरह अब्बासी-हिंदू को , सारे हिंदू ! फौरन पहचानो ;
चुनाव-प्रक्रिया शुरू हो चुकी , मतदान से पहले ही जानो ।
अब्बासी-हिंदू को जानना होगा , भारत-वर्ष बचाना होगा ;
सबसे सरल-मार्ग को जानो , “संदीप-देव” को सुनना होगा ।
इंडिया स्पीक्स डेली चैनल है,नियमित रूप से इसको सुनना;
“एकम् सनातन भारत”दल जैसे, धर्मनिष्ठ दल को ही चुनना।