देश की एक पार्टी का अध्यक्ष कार्यकर्ताओं के घर रुकता है, उनके घर खाना खाता है, उनके सुख-दुख में सहभागी बनता है। एक के बाद दूसरी जीत के बावजूद लगातार दौरा करता रहता है। मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि कोई भी भाजपा कार्यकर्ता सीधे पहुंच कर अपने अध्यक्ष अमित शाह को विजिटिंग कार्ड थमा देता है और अपनी बात खुलकर कहता है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी और उनका बेटा राहुल गांधी अपने मुख्यमंत्रियों को भी मिलने के लिए समय नहीं देता, जो मिलने आते हैं उन्हें कुत्ते का जूठा बिस्किट खिलाता है, संसद की कार्यवाही में कभी हिस्सा नहीं लेता, विदेशों में छुट्टियां मनाने जब चाहे तब चला जाता है, अपने विधायकों और सांसदों को ताले में बंद रखता है!
सोचिए लोकतंत्र किस पार्टी में ज्यादा है! इसके बावजूद यदि तथाकथित बुद्दिजीवी, पत्रकार कांग्रेस का गुणगान करते हैं तो समझिये वो कुत्ते का जूठन खाने के लिए कितने बेचैन हैं!
भाजपा शासन में तब भी इन्हें आपातकाल और तानाशाही नजर आती है तो समझिए ये लोग किस तरह कांग्रेसी गठबंधन के शासन के लिए एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि जो लूट का माल इनके घर पहुंचने से रुक गया है, उसकी आवक फिर से शुरू हो सके!