हे ईश्वर ! मुझको साहस दे , मैं सत्य मार्ग पर चलता रहूं ;
भारत का दूर अंधेरा हो , फिर चाहे मैं ही जलता रहूं ।
मुझको ऐसी आवाज बना , हर सोया हिंदू जग जाये ;
सौभाग्य जो रूठा भारत से , उसको वो वापस मिल जाये ।
झूठे इतिहास की लानत से , हर हिंदू बच्चा बच जाये ;
सद्बुद्धि दे नेताओं को , अब सही मार्ग पर आ जायें ।
कितना नोचेंगे राष्ट्रको आखिर?कमसेकम अब तो रुक जायें
उनको भी एक दिन मरना है , ये बात समझ में आ जाये ।
मरके तो नर्क ही पायेंगे , जीते- जी नर्क बना डाला ;
जो देश स्वर्ग से सुंदर था , उसको स्वर्गवासी कर डाला ।
क्यों मति भ्रष्ट नेताओं की ? क्यों सही राह न सूझे है ?
जनता का पूरा बहुमत है , फिर भी दीपक क्यों बुझे हैं ?
झूठे इतिहास का अंधकार ही , इनके तन मन में छाया है ;
अब तो सच्चे इतिहास को जानो ,सोशल मीडिया आया है ।
कैसे भारत के नेता हो ? जो भारत को ही न जानो ;
न राष्ट्र – धर्म को जान सके , न राष्ट्रद्रोह को पहचानो ।
क्यों गद्दारों को गले लगाता? उनके विश्वास को चाहा करता
जज अपराधी एक सा समझे , उनका डीएनए मिलवाता ।
फौरन शुद्ध करो बुद्धि , ये मौका फिर न आयेगा ;
जीते – जी फल को भोगेगा , मरकर भी चैन न आयेगा ।
ये भारत अपनी मातृ-भूमि है , पितृ-भूमि है ,पुण्य-भूमि है ;
इसका लायक बेटा बन जा,क्यों बना रहा श्मशान भूमि है ?
कानून- व्यवस्था चौकस कर , सब भ्रष्टाचार मिटा डालो ;
कानून का शासन ले आओ , हर अत्याचार जला डालो ।
राष्ट्र लूटने वालों को , काहे को छूट दिया करते ?
क्यों नहीं भेजते जेलों में ? क्यों राजनीति करने देते ?
भरे पड़े पापी नेता , भारत की गंदी- राजनीति ;
अब पाप मुक्त हो राजनीति , ले आओ अब तो राष्ट्रनीति ।
राष्ट्रनीति हो भारत में , धर्मानुकूल ही शासन हो ;
सब मानव एक बराबर हों , ऐसा ही अच्छा शासन हो ।
अल्पसंख्यकवाद मिटा डालो , तुष्टीकरण को खत्म करो ;
गुंडागर्दी भी मिटा डालो , आतंकवाद को खत्म करो ।
सुबह का भूला शाम को लौटे , भूला नहीं कहाता है ;
तू सत्य-मार्ग पर वापस आ , क्या तुझको नहीं सुहाता है ?
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”