“संदीप-देव” का चैनल लाया
आत्ममुग्धता का रोगी है , पागलपन की सीमा तक ;
नोबेल – प्राइज की अभिलाषा , गद्दारी की सीमा तक ।
क ख ग भी नहीं जानता , जिस मजहब के बारे में ;
शांति का मजहब उसको कहता , हिंदू को फांसा नारे में ।
हिंदू को पिटवाता है , हिंदू को मरवाता है ;
हिंदू डरकर वोट को देवें , इसीलिये डरवाता है ।
अब तक इसी चाल से जीता , हिंदू को डरवा-धमका कर ;
पर अबकी बार नहीं जीतेगा ,चाहे ले अबकी कुछ भी कर ।
चाहे जितना जोर लगा ले , उसकी खाट खड़ी ही होगी ;
उसके जितने लगुवे-भगुवे , जब्त जमानत सबकी होगी ।
पहले हिंदू अज्ञानी था , एकदम झूठे-इतिहास को पढ़कर ;
अब अज्ञान हट रहा सारा, “संदीप-देव” का चैनल सुनकर ।
हिंदू डूबा था अंधकार में , झूठा-इतिहास व गंदी-शिक्षा ;
“संदीप-देव”का चैनल लाया,सच्चा-इतिहास व हिंदू-शिक्षा ।
ज्यों-ज्यों हिंदू जाग रहा है , जागरूक होता जाता है ;
छुरा पीठ पर मारने वाला , तथाकथित हिंदू – नेता है ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , हिंदू – हित का हत्यारा है ;
इसी तरह ही सारे दल हैं , सबने हिंदू को मारा है ।
कायर , कमजोर , नपुंसक – नेता , जेहादी से डरते हैं ;
डीएनए में खोट है इनकी , इसी से उन पर मरते हैं ।
बलात्कार-पीड़िता के वंशज , स्टॉकहोम-सिंड्रोम के रोगी ;
हिंदू-हित ये कर न सकेंगे , कामुक-चरित्रहीन हैं भोगी ।
मंदिर तोड़ करें गलियारा , तीर्थ-स्थल को पर्यटन-स्थल ;
ये गुलाम हैं जेहादी के , अब्राहमिक के गंदे दल-दल ।
हिंदू ! अपना अज्ञान हटाओ , ज्ञान के सूरज को लाओ ;
अब्बासी-हिंदू को ठीक से जानो,हिंदू ! अपनी जान बचाओ
तथाकथित हिंदूवादी दल , हिंदू – धर्म मिटा देगा ;
इनके आका जेहादी हैं , गजवायेहिंद करा देगा ।
सच्चा हिंदू – वादी दल है , “एकम् सनातन भारत” दल ;
हिंदू – हित के लिये बना है , एकमात्र हिंदू-वादी दल ।
इसका प्रचार हम सबको करना है,तब सब हिंदू-दिये जलेंगे
घर-घर में दिवाली होगी , धर्म के दुश्मन जल-भुनके मरेंगे ।
सदियों तरसा देश हमारा , वो सुराज आ जायेगा ;
धर्म का शासन देश में होगा , सम्पूर्ण-सुशासन आयेगा ।
“जय सनातन-भारत”,रचनाकार:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”