हिंदू ! अपने अज्ञान को त्यागो
दुनिया भर के सारे नेता , अपने मजहब पे मरते हैं ;
पर भारत के गंदे – नेता , धर्म से नफरत करते हैं ।
चरित्रहीन हैं भ्रष्टाचारी , कामुक हैं ये व्यभिचारी ;
अपनी नारी छोड़ चुके हैं , घात लगाते परनारी ।
सरकारी – अब्बासी – हिंदू , हुआ मानसिक खतना है ;
मंदिर पर सरकारी – कब्जा , लूटा मंदिर कितना है ?
झूठा – इतिहास व गंदी – शिक्षा , जेहादी से बदतर हैं ;
मंदिर तोड़ करें गलियारा , क्या गुंडों से बेहतर हैं ?
मंदिर , मूर्ति भुलाना चाहें , समलैंगिकता अपनाते हैं ;
मजहब की अय्याशी प्यारी , डीएनए को मिलाते हैं ।
वो तो भाग्य हमारा अच्छा , इनका भेद खुल गया है ;
गंदे – दलों से पीछा छूटा , हिंदूवादी – दल आया है ।
विकल्पहीन अब नहीं है हिंदू,”एकम् सनातन भारत” आया
निश्चय ही इसको मिलेगी सत्ता,हिंदू ने अच्छा-शासन पाया ।
“अंकुर-शर्मा” अध्यक्ष हैं इसके , बहुत बड़े अधिवक्ता हैं ;
महासचिव “संदीप-देव” हैं , पत्रकार अधिकृत-वक्ता हैं ।
“संदीप-देव” का चैनल भी है, केवल सत्य तथ्य दिखलाता ;
आदर्श है इनका धर्म-सनातन, जो भारत को राह दिखाता ।
भारत का सौभाग्य जगाने , “एकम् सनातन भारत” आया ;
हिंदू ! अपनी निद्रा त्यागो , धर्म का सूर्योदय आया ।
केवल धर्म – सनातन से ही , हिंदू की रक्षा हो सकती है ;
वरना अब्बासी-हिंदू का शासन , हिंदू-गर्दन कट सकती है ।
जीना – मरना हाथ में तेरे , हिंदू को निर्णय करना है ;
अब तक हिंदू भटक रहा था , अब सही मार्ग अपनाना है ।
सही-मार्ग है धर्म-सनातन , धर्म का शासन लाना है ;
धर्म बचेगा तो देश बचेगा , भारतवर्ष बच जाना है ।
रावण की लंका हमें जलाना , अच्छी- सरकार बनाना है ;
धर्म का डंका अब बजने दो , “एकम्-सभा” को लाना है ।
हिंदू!अपने अज्ञान को त्यागो,लोभ,लालच सारा भय छोड़ो ;
धर्म-मार्ग पर तुमको चलना,अब्बासी-हिंदू का चक्कर छोड़ो
अब्बासी – हिंदू कालनेमि है , हिंदू को धोखा देता है ;
हिंदू ! इसको करो किनारे , तब ही संजीवन मिलता है ।
अब तो केवल जागरूकता , हिंदू ! तुझे बचा सकती है ;
अच्छी-सरकार बनाना सीखो , वरना गर्दन कट सकती है ।