दिशा – सुशांत की हत्या , हरदम याद रखो ;
बॉलीवुड की फिल्में, हरगिज़ मत देखो ।
केवल “कश्मीर की फाइल” जैसी फिल्में देखो ;
या दक्षिण भारत की , अच्छी फिल्में देखो ।
भरे हुये हैं बॉलीवुड में , जिम्मी-जेहादी ;
जिनका एजेंडा है , धर्म की बर्बादी ।
जानबूझकर कोई – मक्खी मत निगलो ;
बॉलीवुड की गंदी – फिल्मों से निकलो ।
हम हिंदू हैं , हमको राष्ट्र बचाना है ;
बॉलीवुड का नामोनिशां , मिटाना है ।
बॉलीवुड , गजवायेहिंद का अड्डा है ;
इसी में फेंको , इसने खोदा गड्ढा है ।
हिंदू सोता रहा , मूर्खता की निद्रा ;
मरने से बचना है , त्यागो ये निद्रा ।
हिंदू को अपनी – रक्षा , खुद करनी है ;
सरकारें हैं भ्रष्ट , उन्हें न करनी है ।
सरकारों में भरे हुये , अय्याश व कायर ;
राष्ट्र के हर पहिये के , फट गये हैं टायर ।
अब जो भी संभव है , हमें ही करना है ;
हर हालत में अपना – राष्ट्र , बचाना है ।
इसी दिशा में एक – कदम, इसको भी समझो ;
बॉलीवुड की फिल्में गंदी हैं , मत उलझो ।
इसी तरह से, अन्य कार्य भी करने हैं ;
दिशा – सुशांत के हत्यारे , अब न बचने हैं ।
अपने सारे स्वार्थ को , हिंदू अब छोड़ो ;
घूम रहा है वक्त का पहिया , उसको मोड़ो ।
धर्म पे संकट , हमको दूर हटाना है ;
हर – हालत में , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”