लोकतंत्र के दो हैं दुश्मन , अब्बासी – हिंदू व ई वी एम ;
जनमत का ये गला घोंटते , केवल मौज मनाता एम ।
लोकतंत्र जिनको है प्यारा , जो कहते ये देश हमारा ;
ई वी एम हटाना होगा , सभी लगाओ ये ही नारा ।
जब तक ई वी एम रहेगा , अब्बासी-हिंदू भी नहीं हटेगा ;
अब्बासी – हिंदू नेता के रहते , लोकतंत्र बरबाद रहेगा ।
यदि लोकतंत्र की बात भी छोड़ो , राजतंत्र भी अच्छा है ;
पर इसका तो भ्रष्टतंत्र है , हिंदू को खाता कच्चा है ।
ये पूरा अधिनायकवादी , हिंदू – धर्म से इसको द्वेष ;
गड़बड़ है डीएनए इसका , मजहब जैसा जो विशेष ।
हिंदू – मंदिर तोड़ने वाला , गलियारा बनवाने वाला ;
इसकी मन की बातें झूठी , इसका मन है पूरा काला ।
हिंदू ! इसे समझना होगा , अब तुमको बचना ही होगा ;
जब तक हिंदू – धर्म रहेगा तब तक ही ये विश्व रहेगा ।
इसीलिए हिंदू को बचना , अपनी रक्षा करना है ;
ई वी एम की करो विदाई , तब ही हिंदू को बचना है ।
ई वी एम हटेगा जैसे , अब्बासी – हिंदू भी हट जायेगा ;
अच्छी – सरकार बने भारत में , पूरा – विश्व चैन पायेगा ।
धर्म – सनातन में ही शक्ति , परमाणु-युद्ध रुक सकता है ;
वरना अब्बासी-हिंदू के रहते , पूरा-विश्व मिट सकता है ।
जागो ! हिंदू अब तो जागो , सबके लिये तुम्हें जीना है ;
हमको विश्व की रक्षा करनी , जहर हमें ही पीना है ।
अब्बासी-हिंदू जहर हलाहल, ए सी वाई पी एल से निकला है ;
“एकम् सनातन भारत” शंकर है , जिसको जहर निगलना है ।
स्वार्थ ,लोभ ,भय छोड़ना होगा , हमको विश्व बचाना है ;
इसीलिये हिन्दू को जीना , मानवता को बचाना है ।
अब्बासी – हिंदू अब्राहमिक है , मानवता का शत्रु है ;
केवल अपने लिये ही जीता , नहीं किसी का मित्र है ।
ये हिंदू के हाथों में है , खुद बचना व विश्व बचाना ;
अब अनिवार्य समझना होगा ,”एकम् सनातन भारत “ लाना ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , मौत के मुंह में झोंक रहा है
अब्बासी – हिंदू ने पाल रखा है , हिंदू पर जो भोंक रहा है ।
इसके मुँह को बंद करो अब , सत्ता से इसे हटाना है ;
यदि हमें चाहिये “राम-राज्य” , तो धर्म का शासन लाना है ।