चरित्रहीन , बेईमान जो हिंदू , महामूर्ख जितने हैं हिंदू ;
कायर, कमजोर,नपुंसक जितने , उन्हीं का है अब्बासी-हिंदू ।
बने धरा के बोझ ये सारे , इनका जीवन पशुवत है ;
आहार , निद्रा , भय व मैथुन , ये ही इनका जीवन है ।
इनका रहना या न रहना , दोनों एक समान है ;
अब्बासी – हिंदू भी समझता , इनको केवल सामान है ।
दस-प्रतिशत के लगभग हैं ये , पाँच-प्रतिशत हैं गुंडे साथ ;
अब्बासी-हिंदू है इन्हीं का नेता, पन्द्रह-प्रतिशत का ही नाथ ।
फिर भी कैसे जीत रहा है ? ई वी एम का खेला है ;
पिछली बार भी ऐसे जीता , देश ने अब तक झेला है ।
अब तो गुंडई और बढ़ चुकी , सेना – पुलिस खामोश है ;
शत – प्रतिशत हिंदू को खतरा , मौत का आगोश है ।
अब बचने का यही रास्ता , मरते दम तक संघर्ष करो ;
जागो ! हिंदू अब तो जागो , धर्म से अब उत्कर्ष करो ।
धर्म सहित सम्मान से जीना , खून के घूंट नहीं पीना ;
ई वी एम का मुँह काला हो , इसी ने हिंदू का हक छीना ।
हिंदू ! मिलकर संघर्ष करो , अपनी आवाज बुलंद करो ;
लोकतंत्र जीवित रखना है , ई वी एम को विदा करो ।
पन्द्रह-प्रतिशत लोगों का नेता , मूंग दल रहा छाती पर ;
तीर्थ – स्थल व मंदिर तोड़े , डाका हिंदू की थाती पर ।
हर हिंदू को जानना होगा , सनातनी बनना होगा ;
डॉलर,दीनारी,सरकारी बाबा , हर हाल में इनसे बचना होगा ।
जो सरकारी, डॉलर, दीनारी , ऐसे सब बाबा धर्म के दुश्मन ;
अब्बासी-हिंदू के दलाल हैं , बहुत ही गंदा तन मन धन ।
हिंदू ! तुम पहचानना सीखो , अपना शत्रु – मित्र पहचानो ;
“संदीप-देव” का चैनल देखो , उनसे धर्म के मर्म को जानो ।
पाखंडी नेता और बाबा , परम – शत्रु इनको मानो ;
देश , धर्म के यही हैं दुश्मन , अब्राहमिक इनको जानो ।
अब तक विकल्पहीन था हिंदू , नहीं मिला कोई अच्छा दल ;
हिंदू को अब विकल्प मिला है , “एकम् सनातन भारत” दल ।
ये हिंदू की अंतिम – आशा , हिंदू ! इसे बचाये रखना ;
हिंदू – विजय सुनिश्चित होगी , इन दोनों कामों को करना ।
भारत से ई वी एम हटाना,“एकम सनातन भारत” दल लाना ;
कानून का शासन,धर्म का शासन,हिन्दू को “राम-राज्य” पाना ।