नेता , अफसर , पत्रकार , जो भी विदेश में जाता ;
अब्राहमिक – विषकन्याओं के , हनीट्रैप में फंस जाता ।
चारों तरफ हैं खुफिया कैमरे , पूरा रिकॉर्ड हो जाता ;
इसी तरह से नेता , अफसर , पत्रकार गिर जाता ।
अब्राहमिक – एजेंडा सारा , भारत में कब्जा करने का ;
नेता ,अफसर , पत्रकार से , मनचाहा काम कराने का ।
ब्लैकमेल होते रहते हैं , कठपुतली बन जाते हैं ;
अब्राहमिक हाथों में डोर है , मनचाहा नाच नचाते हैं ।
इसी से मंदिर तोड़ा करते , गलियारा बनवाते हैं ;
केवल हिंदू का खून चूसते , जजिया में बंटवाते हैं ।
नोट छापने की मशीन ही , हिंदू को पूरा बना दिया ;
झूठे-इतिहास की गंदी-शिक्षा , धर्म-सनातन भुला दिया ।
पति-पत्नी दोनों कमा रहे हैं , बच्चे अनाथ से बना रहे हैं ;
माता-पिता के प्यार से वंचित , बच्चे नालायक बना रहे हैं ।
बच्चों का पालन पोषण करते , नौकर-चाकर , नैनी-आया ;
कितने ही इनमें अब्राहमिक हैं ? घर में दुश्मन घुस आया ।
बच्चे शिकार बन जाते हैं , दुराचार – जेहाद के ;
बाद में पैंतीस-टुकड़े मिलते , बिना किसी फरियाद के ।
बहुत बुरी स्थिति हिंदू की , सब-कुछ लुटता जाता है ;
वामी,जिम्मी,जेहादी,सेक्युलर,अब्बासी-हिंदू मौज मनाता है
हिन्दू – धर्म के ये कलंक हैं , हिंदू – धर्म मिटा देंगे ;
मानवता का जो रक्षक है , उसको ही मिटा देंगे ।
धर्म – सनातन विश्व का रक्षक , मानवता का रक्षक है ;
अब्राहमिक जितने भी मजहब , मानवता के भक्षक हैं ।
“इकजुट-जम्मू” के आने से, एक किरण आशा की जगी है ;
सारे – हिंदू करें समर्थन , हिंदू का दायित्व यही है ।
इकजुट-जम्मू , इकजुट-हिंदू , इकजुट-भारत इसे बनाओ ;
पूरी-दुनिया बच जायेगी , भारत को “हिंदू-राष्ट्र” बनाओ ।
सबसे बड़ा भारत का दुश्मन , जो नेता अब्बासी – हिंदू ;
छुरा पीठ पर यही घोंपता , सावधान हो जाओ हिंदू ।
एक बार जो धोखा खाता , उसे खिलाड़ी कहते हैं ;
बार – बार जो धोखा खाये , उसे अनाड़ी कहते हैं ।
हिंदू ! अनाड़ी अब मत बनना, अब्बासी-हिंदू को हराना है ;
“इकजुट-भारत” को पूर्ण समर्थन , भारतवर्ष बचाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र” , रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”