एकजुट-जम्मू,हिंदू-महासभा, रामराज्य-परिषद सब आओ ;
एक मंच पर आकरके तुम , हिंदू – महाशक्ति बन जाओ ।
हिंदू – धर्म पर जितना संकट , उतना पहले कभी नहीं था ;
चरित्रवान नेतृत्व था पहले , कायर,कुटिल,कपूत नहीं था ।
हिंदू – नेता धोखेबाज हैं , जिम्मी ,कायर ,कमजोर हैं ;
सेक्युलरिज्म का चोला ओढ़े , ये सब के सब चोर हैं ।
ऐसा ही नेतृत्व रहा तो , हिंदू – धर्म मिट भी सकता है ;
वामी-कामी ,जिम्मी ,जेहादी , पूरा – शासन पा सकता है ।
यूपी और आसाम के बूते , हिंदू- शौर्य जग रहा है ;
वरना चारों ओर अंधेरा , पूरा जिहाद चल रहा है ।
केंद्र नपुंसक , पुलिस नपुंसक , शासन पूरा कायर है ;
शाहीन – बाग से थर-थर कांपे , रोड-जाम कितना डर है ?
सारे हिंदू – दलों का मिलना , हर हालत में अनिवार्य है ;
मिलजुल कर लड़ें इलेक्शन,सत्ता पाकर करना सत्कार्य है ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , सही राह से भटक चुका है ;
अपने नेता के चक्कर में , बीच अधर में लटक चुका है ।
या तो ये सद्बुद्धि पाये , यूपी – आसाम से नेता लाये ;
खुलकर बोले हम हिंदू हैं , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाये ।
योगी-हेमंत सा पीएम होगा, केवल कानून का शासन होगा;
तुष्टीकरण बिल्कुल न होगा, सब कुछ केवल न्याय से होगा।
पानी होगा एक घाट का , शेर और बकरी साथ पियेंगे ;
कोई पक्षपात न होगा , मंदिर कब्जा – मुक्त बनेंगें ।
हर मंदिर की पूरी व्यवस्था , केवल हिंदू ही देखेंगे ;
सरकार का कोई दखल न होगा , सारे कार्य धर्म से होंगे ।
हिंदू के विद्यालय होंगे, धर्म की शिक्षा पूरी होगी ;
शस्त्र – शास्त्र का पूर्ण प्रशिक्षण, तब सच्ची आजादी होगी ।
चुस्त-दुरुस्त हो पुलिस व्यवस्था,भ्रष्टाचार मुक्त शासन होगा;
वामी,कामी ,जिम्मी ,जेहादी , कोई नहीं सेक्युलर होगा ।
धर्म – सनातन सर्वश्रेष्ठ है , पूरा धर्म का शासन होगा ;
संविधान आदर्श बनेगा , कहीं नहीं पाखंड रहेगा ।
अब तक जिसने भी घात किया है , हिंदू-धर्म ,संस्कृति से ;
कठोर दंड से दंडित होंगे, होगा न्याय का शासन शक्ति से ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”