By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
India Speak DailyIndia Speak Daily
  • समाचार
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • सरकारें
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
      • मनोविश्लेषण
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDEO Blog
    • Your Story
  • JOIN US
Reading: Movie Review ‘ओपेनहाइमर’ जटिल है, ज्वलंत है एक अद्वितीय क्रिएशन है
Share
Notification
Latest News
“देवता आये देव दीपावली को और उन्हें (मेरे पिताजी को) अपने साथ ले गये।” शंकराचार्य जी।
SDeo blog
“बाबू कुंवर सिंह” की धरती (भाग-3)
भाषा और साहित्य
फिर कॉरपोरेट बेलआउट
देश-विदेश मुद्दा
जो धर्म हीन हिंदू-कन्यायें (भाग-3)
भाषा और साहित्य
खुमैनी ने कहा था: “पूरा इस्लाम राजनीति है।” पार्ट-२
अब्राहम रिलिजन विचार
Aa
Aa
India Speak DailyIndia Speak Daily
  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US
  • समाचार
    • इवेंट एंड एक्टिविटी
    • देश-विदेश
    • राजनीतिक खबर
    • मुद्दा
    • संसद, न्यायपालिका और नौकरशाही
    • सरकारें
    • अपराध
    • भ्रष्टाचार
    • जन समस्या
    • English content
  • मीडिया
    • मेनस्ट्रीम जर्नलिज्म
    • सोशल मीडिया
    • फिफ्थ कॉलम
    • फेक न्यूज भंडाफोड़
  • राजनीतिक विचारधारा
    • अस्मितावाद
    • जातिवाद / अवसरवाद
    • पंचमक्कारवाद
    • व्यक्तिवाद / परिवारवाद
    • राजनीतिक व्यक्तित्व / विचारधारा
    • संघवाद
  • इतिहास
    • स्वर्णिम भारत
    • गुलाम भारत
    • आजाद भारत
    • विश्व इतिहास
    • अनोखा इतिहास
  • धर्म
    • अध्यात्म
    • सनातन हिंदू धर्म
    • पूरब का दर्शन और पंथ
    • परंपरा, पर्व और प्रारब्ध
    • अब्राहम रिलिजन
    • उपदेश एवं उपदेशक
  • पॉप कल्चर
    • मूवी रिव्यू
    • बॉलीवुड न्यूज़
    • सेलिब्रिटी
    • लाइफ स्टाइल एंड फैशन
    • रिलेशनशिप
    • फूड कल्चर
    • प्रोडक्ट रिव्यू
    • गॉसिप
  • BLOG
    • व्यक्तित्व विकास
    • कुछ नया
    • भाषा और साहित्य
    • स्वयंसेवी प्रयास
    • ग्रामीण भारत
    • कला और संस्कृति
    • पर्यटन
    • नारी जगत
    • स्वस्थ्य भारत
    • विचार
    • पुस्तकें
    • SDEO Blog
    • Your Story
  • JOIN US
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Website Design & Developed By: WebNet Creatives
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
India Speak Daily > Blog > पाॅप कल्चर > मूवी रिव्यू > Movie Review ‘ओपेनहाइमर’ जटिल है, ज्वलंत है एक अद्वितीय क्रिएशन है
मूवी रिव्यू

Movie Review ‘ओपेनहाइमर’ जटिल है, ज्वलंत है एक अद्वितीय क्रिएशन है

Vipul Rege
Last updated: 2023/07/21 at 7:57 PM
By Vipul Rege 529 Views 6 Min Read
Share
6 Min Read
SHARE

विपुल रेगे। क्रिस्टोफर नोलान के क्रिएशन चकित करते हैं। उनके क्रिएशन दर्शक को सुखद आश्चर्य देते हैं। शुक्रवार की सुबह नोलान की ‘ओपेनहाइमर’ का पहला शो देखने के बाद दर्शक ‘चकित’ नहीं हुए बल्कि स्तब्ध रह गए। परमाणु को मानव सभ्यता के विकास का एक पड़ाव मान लें तो मानव चेतना के इस बदलाव को ‘ओपेनहाइमर’ तीन घंटे की फिल्म में उसके व्यापक अर्थ सहित समेट लेती है। ‘ओपेनहाइमर’ एक बॉयोग्राफी है। ये बॉयोग्राफी अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के अशांत और शौर्यपूर्ण जीवन का पोर्ट्रेट है, जिसमे स्याह रंग हैं। ‘ओपेनहाइमर’ जटिल है, ज्वलंत है और इस भौतिक विज्ञानी पर एक अद्वितीय क्रिएशन है।

जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने परमाणु के विकास और अनुसंधान में सहायता की। हिरोशिमा और नागासाकी पर जो बम गिराए गए, उनके रिसर्च और विकास में ओपेनहाइमर का मुख्य योगदान रहा। इसके कारण एक लाख लोग मारे गए थे। ओपेनहाइमर ने इस नरसंहार का दोषी खुद को माना। उनका निजी जीवन तूफानों से भरा था। ओपेनहाइमर पर कम्युनिज़्म का प्रभाव रहा। फिल्म में संकेत दिया गया है कि उनकी कई प्रेमिकाएं थी। अपने जीवन में उन्होंने रुस को तकनीक देने के आरोपों का भी सामना किया। कम्युनिज़्म के प्रति लगाव के कारण उन्हें बहुत समय उपेक्षा में बिताना पड़ा। 

ये फिल्म काई बर्ड और मार्टिन जे. शेरविन की 2005 की आधिकारिक जीवनी ‘अमेरिकन प्रोमेथियस: द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर’ पर आधारित है। नोलान ने ओपेनहाइमर की दशकों की यात्रा को तीन घंटे में समेटा है। उनकी फ़िल्में बहुत जटिल होती हैं। ये दर्शक की ज़िम्मेदारी है कि वह फिल्म को, उसके विषय को, गहराई को समझे। स्टार फिल्म निर्देशक नोलान कभी दर्शक को समझाने के लिए दृश्यों को आसान नहीं बनाते। ‘ओपेनहाइमर’ नोलान की तीव्र अभिव्यक्ति है। उनके कुछ दृश्यों में ‘अनकहा’ सुनना पड़ता है।

परमाणु की प्रक्रिया समझने के लिए ओपेनहाइमर संगीत सुनता है। ऐसे सामान्य दृश्यों को नोलान विशेष प्रभावों के साथ दिखाते हैं। उनकी फिल्मों में वीएफएक्स का प्रयोग ऐसे होता है कि आप समझ नहीं सकेंगे। हालाँकि इस बार ‘CG’ यानी कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल नहीं किया गया है। अधिकांश फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट में फिल्माई गई है। फिल्म आईमैक्स कैमरे पर शूट की गई है। हाई रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरों पर शूट हुई ये फिल्म अद्वितीय विजुअल प्लेजऱ देती है। दृश्यों में तीष्णता, स्पष्टता और गहराई अनुभव होती है।

More Read

कांतारा “चैप्टर-1”
अपने बच्चों को जरूर दिखाइए महावतार नरसिम्हा!
केट विंसलेट के अभिनय की बारीकियों को उजागर करने वाली 3 फिल्में
मार्को की हिंसा देखकर आप भूल जाएंगे एनिमल और किल!

ओपेनहाइमर के जीवन के विरोधी भावों का संघर्ष वास्तविकता के साथ पेश किया गया है। हर फ्रेम से एक फिल्म निर्देशक की निष्ठा और सदाचारिता झलकती है। युद्ध फ़िल्में अंततः युद्ध का बखान ही करती है। उनकी वास्तविकता विजयघोष में विलीन हो जाती है। नोलान ऐसा करने से बचे हैं। उन्होंने हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी फिल्म में नहीं दिखाई है। जानबूझकर उन्होंने ऐसा किया। चाहते तो ऐसा कर वे फिल्म को और भव्य बना सकते थे। बम परीक्षण के दृश्य में मशरूम के बादल उठते ही ओपेनहाइमर कहता है ‘अब मैं मृत्यु बन गया हूँ, दुनिया का विनाशक।’ भगवद गीता का उल्लेख फिल्म में कई बार किया गया है।

ओपेनहाइमर भगवद गीता की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने 1933 में संस्कृत भी सीखी। क‍िल‍ियन मर्फी ने ओपेनहाइमर का किरदार निभाया है। वे इतने डूब गए कि ओपेनहाइमर ही हो गए। उनकी नीली आँखों से ओपेनहाइमर की पीड़ा झरती सी महसूस होती है। ओपेनहाइमर से पूछताछ की जाती है, उससे रुसी संबंधों को लेकर सवाल वाले दृश्य में क‍िल‍ियन मर्फी अद्वितीय रहे हैं। यहाँ आप उनके अभिनय का उच्चतम स्तर देख सकते हैं। रॉबर्ट डाउनी जूनियर, एमिली ब्लंट शानदार रहे हैं। मैट डेमन, रामी मालेक और केनेथ ब्रानघ ने भी स्तरीय अभिनय किया है।

A few days separate us from #Oppenheimer
what will the audience’s reaction be like ! pic.twitter.com/V4jkeD9leF

— LENA (@artsoflena) July 15, 2023

फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर की बात न की जाए तो ये ‘ओपेनहाइमर’ के साथ अन्याय होगा। लुडविग गोरानसन ने फिल्म के लिए जो सिंफ़नी क्रिएट की है, उसे  गहराई में वे दर्शक ही जान सकते हैं, जो संगीत की गहरी समझ रखते हैं और फिल्म निर्माण में बैकग्राउंड स्कोर की ताकत को समझते हैं। यदि नोलान के दृश्यों की तीव्रता दर्शक तक सही ढंग से अभिव्यक्त हुई है, तो उसके पीछे का कारण गोरानसन हैं। उन्होंने वॉयलिन की मदद से सुंदर बैकग्राउंड रचा है। हाल ही में उन्होंने कहा था ‘वायलिन  में बहुत कुछ है। एक सेकंड के भीतर आप किसी खूबसूरत चीज़ से पूरी तरह भयावह चीज़ में जा सकते हैं।’ फिल्म के बैकग्राउंड में उन्होंने बिलकुल यही किया है।

‘ओपेनहाइमर’ वैचारिक रुप से विश्व सिनेमा के लिए बड़ी उपलब्धि है। ये परमाणु की बात करती है लेकिन उसके खिलाफ खड़ी दिखाई देती है। ये जटिल है, ये स्तब्ध करती है, ये सोचने पर विवश करती है। नोलान अमेरिकन इतिहास के इस भौतिक विज्ञानी को क्लीन चिट नहीं देते। वे उसे एक दहलीज़ पार ला खड़ा करते हैं। इस दहलीज के एक ओर ओपेनहाइमर का परमाणु विकास है तो दूसरी ओर हिरोशिमा-नागासाकी की विभीषिका खड़ी है।

Related

TAGGED: Cillian Murphy, cristopher nolan, hollywood, Lewis Strauss, movie review, Movie Review by Vipul Rege, oppenheimer, Robert Downey Jr, Universal Pictures
Vipul Rege July 21, 2023
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram Print
Vipul Rege
Posted by Vipul Rege
पत्रकार/ लेखक/ फिल्म समीक्षक पिछले पंद्रह साल से पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में सक्रिय। दैनिक भास्कर, नईदुनिया, पत्रिका, स्वदेश में बतौर पत्रकार सेवाएं दी। सामाजिक सरोकार के अभियानों को अंजाम दिया। पर्यावरण और पानी के लिए रचनात्मक कार्य किए। सन 2007 से फिल्म समीक्षक के रूप में भी सेवाएं दी है। वर्तमान में पुस्तक लेखन, फिल्म समीक्षक और सोशल मीडिया लेखक के रूप में सक्रिय हैं।
Previous Article अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र आतंकी निकला !
Next Article अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया !
Leave a comment Leave a comment

Share your CommentCancel reply

Stay Connected

Facebook Like
Twitter Follow
Instagram Follow
Youtube Subscribe
Telegram Follow
- Advertisement -
Ad image

Latest News

“देवता आये देव दीपावली को और उन्हें (मेरे पिताजी को) अपने साथ ले गये।” शंकराचार्य जी।
“बाबू कुंवर सिंह” की धरती (भाग-3)
फिर कॉरपोरेट बेलआउट
जो धर्म हीन हिंदू-कन्यायें (भाग-3)

You Might Also Like

मूवी रिव्यू

कांतारा “चैप्टर-1”

October 4, 2025
SDeo blogमूवी रिव्यू

अपने बच्चों को जरूर दिखाइए महावतार नरसिम्हा!

July 28, 2025
मूवी रिव्यू

केट विंसलेट के अभिनय की बारीकियों को उजागर करने वाली 3 फिल्में

May 14, 2025
SDeo blogमूवी रिव्यू

मार्को की हिंसा देखकर आप भूल जाएंगे एनिमल और किल!

January 2, 2025
//

India Speaks Daily is a leading Views portal in Bharat, motivating and influencing thousands of Sanatanis, and the number is rising.

Popular Categories

  • ISD Podcast
  • ISD TV
  • ISD videos
  • JOIN US

Quick Links

  • Refund & Cancellation Policy
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Terms of Service
  • Advertise With ISD
- Download App -
Ad image

Copyright © 2015 - 2025 - Kapot Media Network LLP. All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?