विपुल रेगे। क्रिस्टोफर नोलान के क्रिएशन चकित करते हैं। उनके क्रिएशन दर्शक को सुखद आश्चर्य देते हैं। शुक्रवार की सुबह नोलान की ‘ओपेनहाइमर’ का पहला शो देखने के बाद दर्शक ‘चकित’ नहीं हुए बल्कि स्तब्ध रह गए। परमाणु को मानव सभ्यता के विकास का एक पड़ाव मान लें तो मानव चेतना के इस बदलाव को ‘ओपेनहाइमर’ तीन घंटे की फिल्म में उसके व्यापक अर्थ सहित समेट लेती है। ‘ओपेनहाइमर’ एक बॉयोग्राफी है। ये बॉयोग्राफी अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के अशांत और शौर्यपूर्ण जीवन का पोर्ट्रेट है, जिसमे स्याह रंग हैं। ‘ओपेनहाइमर’ जटिल है, ज्वलंत है और इस भौतिक विज्ञानी पर एक अद्वितीय क्रिएशन है।
जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने परमाणु के विकास और अनुसंधान में सहायता की। हिरोशिमा और नागासाकी पर जो बम गिराए गए, उनके रिसर्च और विकास में ओपेनहाइमर का मुख्य योगदान रहा। इसके कारण एक लाख लोग मारे गए थे। ओपेनहाइमर ने इस नरसंहार का दोषी खुद को माना। उनका निजी जीवन तूफानों से भरा था। ओपेनहाइमर पर कम्युनिज़्म का प्रभाव रहा। फिल्म में संकेत दिया गया है कि उनकी कई प्रेमिकाएं थी। अपने जीवन में उन्होंने रुस को तकनीक देने के आरोपों का भी सामना किया। कम्युनिज़्म के प्रति लगाव के कारण उन्हें बहुत समय उपेक्षा में बिताना पड़ा।
ये फिल्म काई बर्ड और मार्टिन जे. शेरविन की 2005 की आधिकारिक जीवनी ‘अमेरिकन प्रोमेथियस: द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर’ पर आधारित है। नोलान ने ओपेनहाइमर की दशकों की यात्रा को तीन घंटे में समेटा है। उनकी फ़िल्में बहुत जटिल होती हैं। ये दर्शक की ज़िम्मेदारी है कि वह फिल्म को, उसके विषय को, गहराई को समझे। स्टार फिल्म निर्देशक नोलान कभी दर्शक को समझाने के लिए दृश्यों को आसान नहीं बनाते। ‘ओपेनहाइमर’ नोलान की तीव्र अभिव्यक्ति है। उनके कुछ दृश्यों में ‘अनकहा’ सुनना पड़ता है।
परमाणु की प्रक्रिया समझने के लिए ओपेनहाइमर संगीत सुनता है। ऐसे सामान्य दृश्यों को नोलान विशेष प्रभावों के साथ दिखाते हैं। उनकी फिल्मों में वीएफएक्स का प्रयोग ऐसे होता है कि आप समझ नहीं सकेंगे। हालाँकि इस बार ‘CG’ यानी कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल नहीं किया गया है। अधिकांश फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट में फिल्माई गई है। फिल्म आईमैक्स कैमरे पर शूट की गई है। हाई रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरों पर शूट हुई ये फिल्म अद्वितीय विजुअल प्लेजऱ देती है। दृश्यों में तीष्णता, स्पष्टता और गहराई अनुभव होती है।
ओपेनहाइमर के जीवन के विरोधी भावों का संघर्ष वास्तविकता के साथ पेश किया गया है। हर फ्रेम से एक फिल्म निर्देशक की निष्ठा और सदाचारिता झलकती है। युद्ध फ़िल्में अंततः युद्ध का बखान ही करती है। उनकी वास्तविकता विजयघोष में विलीन हो जाती है। नोलान ऐसा करने से बचे हैं। उन्होंने हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी फिल्म में नहीं दिखाई है। जानबूझकर उन्होंने ऐसा किया। चाहते तो ऐसा कर वे फिल्म को और भव्य बना सकते थे। बम परीक्षण के दृश्य में मशरूम के बादल उठते ही ओपेनहाइमर कहता है ‘अब मैं मृत्यु बन गया हूँ, दुनिया का विनाशक।’ भगवद गीता का उल्लेख फिल्म में कई बार किया गया है।
ओपेनहाइमर भगवद गीता की शिक्षाओं से बहुत प्रभावित थे और उन्होंने 1933 में संस्कृत भी सीखी। किलियन मर्फी ने ओपेनहाइमर का किरदार निभाया है। वे इतने डूब गए कि ओपेनहाइमर ही हो गए। उनकी नीली आँखों से ओपेनहाइमर की पीड़ा झरती सी महसूस होती है। ओपेनहाइमर से पूछताछ की जाती है, उससे रुसी संबंधों को लेकर सवाल वाले दृश्य में किलियन मर्फी अद्वितीय रहे हैं। यहाँ आप उनके अभिनय का उच्चतम स्तर देख सकते हैं। रॉबर्ट डाउनी जूनियर, एमिली ब्लंट शानदार रहे हैं। मैट डेमन, रामी मालेक और केनेथ ब्रानघ ने भी स्तरीय अभिनय किया है।
फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर की बात न की जाए तो ये ‘ओपेनहाइमर’ के साथ अन्याय होगा। लुडविग गोरानसन ने फिल्म के लिए जो सिंफ़नी क्रिएट की है, उसे गहराई में वे दर्शक ही जान सकते हैं, जो संगीत की गहरी समझ रखते हैं और फिल्म निर्माण में बैकग्राउंड स्कोर की ताकत को समझते हैं। यदि नोलान के दृश्यों की तीव्रता दर्शक तक सही ढंग से अभिव्यक्त हुई है, तो उसके पीछे का कारण गोरानसन हैं। उन्होंने वॉयलिन की मदद से सुंदर बैकग्राउंड रचा है। हाल ही में उन्होंने कहा था ‘वायलिन में बहुत कुछ है। एक सेकंड के भीतर आप किसी खूबसूरत चीज़ से पूरी तरह भयावह चीज़ में जा सकते हैं।’ फिल्म के बैकग्राउंड में उन्होंने बिलकुल यही किया है।
‘ओपेनहाइमर’ वैचारिक रुप से विश्व सिनेमा के लिए बड़ी उपलब्धि है। ये परमाणु की बात करती है लेकिन उसके खिलाफ खड़ी दिखाई देती है। ये जटिल है, ये स्तब्ध करती है, ये सोचने पर विवश करती है। नोलान अमेरिकन इतिहास के इस भौतिक विज्ञानी को क्लीन चिट नहीं देते। वे उसे एक दहलीज़ पार ला खड़ा करते हैं। इस दहलीज के एक ओर ओपेनहाइमर का परमाणु विकास है तो दूसरी ओर हिरोशिमा-नागासाकी की विभीषिका खड़ी है।