ज्ञान की एक दिशा थी, जो असफल हो गयी।
एक दूसरे ज्ञान की दिशा है, जिसको ब्रह्मविद्या कहा है। ब्रह्मविद्या का प्रयोग बिलकुल अन्यथा है। विज्ञान का प्रयोग है, चीजों को तोड़कर जानना। ब्रह्मविद्या का प्रयोग है, चीजों को उनकी सभ्यता में, जोड़...
एक दूसरे ज्ञान की दिशा है, जिसको ब्रह्मविद्या कहा है। ब्रह्मविद्या का प्रयोग बिलकुल अन्यथा है। विज्ञान का प्रयोग है, चीजों को तोड़कर जानना। ब्रह्मविद्या का प्रयोग है, चीजों को उनकी सभ्यता में, जोड़...
जीवन के किसी भी अनुभव सेकभी भयभीत मत होना।क्योंकि जो भी भयभीत हो जाता है,वह पक नहीं पाता,वह समृद्ध नहीं हो पाता।जीवन के सब रंग भोगो।जीवन के सब ढंग जीओ।जीवन के सारे आयामतुम्हारे परिचित...
दुख आये तो देखो–और जानते रहो कि मैं देखनेवाला हूं, मैं दुख नहीं हूं। और तुम बहुत चौंकोगे। इस छोटे-से प्रयोग को उतारो जीवन में। यह कुंजी है। इससे अमृत के द्वार खुल जाते...
दुनिया में दो उपाय हैं बोझ से मुक्त होने के—एक तो यह है कि दायित्व छोड़ दो, भगोड़ा संन्यासी वही करता है। वह दायित्व ही छोड़ देता है; वह कहता है कि न रहेगा...
भगवान बुद्ध के संबंध में कथा है कि वे मोक्ष के द्वार पर पहुंचकर, भीतर प्रवेश नहीं किये। वे करुणावश रुके गये, जब तक कि सारे लोग न आ जाएं। इसी संदर्भ में किसी...
आपके प्रति इतना प्रेम रहते हुए भी आपको सुनते वक्त कभी कभी अकुलाहट और क्रोध क्यों उठने लगता है ?
लाओत्से ने कहा है: एक कदम से हजारों मील की यात्रा पूरी हो जाती है। दो कदम की जरूरत भी किसे है? एक बार में एक ही कदम उठता है। एक-एक कदम उठाते-उठाते हजारो...
हंसो, जी भर कर हंसो। मेरा आश्रम हंसता हुआ होना चाहिए। हंसी यहां धर्म है। यह आनंद-उत्सव है। यहां उदास होकर नहीं बैठना है। यह कोई उदासीन साधुओं की जमात नहीं। उदासीनता को मैं...
प्रश्न : भगवान, मैं अपने को बड़ा ज्ञानी समझता था, पर आपने मेरे ज्ञान के टुकड़े—टुकड़े कर के रख दिए। अब आगे क्या मर्जी है? धर्मेश, जो उसको मंजूर! मेरी क्या मर्जी? यहां मेरी...
मुस्लिम देशों में प्रवेश करना बहुत मुश्किल है – लगभग असंभव है, क्योंकि वे अभी भी असभ्य हैं। सभ्यता कहीं भी नहीं हुई है, लेकिन ऐसे देश हैं जो थोड़ा कम असभ्य हैं और...
निंदा कोई करे, तो हम तत्काल मान लेते हैं। कोई कहे कि फलां व्यक्ति साधु, हम कभी नहीं मानते। हम कहते हैं, पता लगाकर देखेंगे। कोई कहे, फला आदमी चोर, व्यभिचारी, बदमाश, बिलकुल राजी...
जो हम चारों तरफ बोलते रहते हैं, वह धीरे— धीरे हमारा व्यक्तित्व बन जाता है। आपको भी बिना गवाह के पक्का नहीं हो सकता कि आप जो बोल रहे हैं वह सही है या...
आप उसकी व्याख्या नहीं कर सकते। जी सकते हैं, कह नहीं सकते, क्या है। और जब भी कहने जाएंगे, तो ऐसी ही गलती हो जाएगी, जैसी इस सूत्र का ऋषि कहकर पड़ गया गलती...
जब उनके पास बहुत सुविधा भी नहीं थी तब भी लुटाने में उन्हें रस था। उनकी जो मेरे मन में यादें हैं पुरानी—पुरानी से पुरानी यादें— लुटाने की हैं। वे कोई बहुत धनी व्यक्ति...
कैलाश – एक अद्भुत तीर्थ दो-तीन बातें सिर्फ उल्लेख कर दूं, क्योंकि वे घटित होती हैं। जैसे कि आप कहीं भी जाकर एकांत में बैठ कर साधना करें तो बहुत कम संभावना है कि...
श्री अरविंद को किसी ने एक बार पूछा कि आप भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष की आजादी के युद्ध में अग्रणी सेनानी थे; लड़ रहे थे। फिर अचानक आप पलायनवादी कैसे हो गये कि सब...
आज आपको सुंदर कि विषय में एक घटना कहता हूं। दादू की मृत्यु हुई। तब दादू के दोनों चेलों ने बड़ा अजीब व्यवहार किया। रज्जब ने आंखे बंद कर ली और पूरे जीवन कभी...
आप तो सब चाहते हैं, लेकिन चाहने से जगत में कुछ भी नहीं मिलता है। अकेली चाह बिलकुल इंपोटेंट है, बिलकुल नपुंसक है, उसमें कोई शक्ति नहीं है। चाह के पीछे संकल्प और श्रम भी...
श्रम एक लज्जापूर्ण कृत्य हो गया है, वह एक शर्म की बात हो गई है। पश्चिम के एक विचारक आल्वेयर कामू ने अपने एक पत्र में मजाक में लिखा है कि एक जमाना ऐसा...