कविता- दुःख नहीं स्वीकार करो, मृत्यु से भी प्यार करो!
दुःख नहीं, स्वीकार करो, मृत्यु से भी प्यार करो! एक छोर पर…
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता: ‘मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ, लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ’
ठन गई! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था,…
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता: ‘सुनो प्रसून की अगवानी का स्वर उन्चास पवन में’!
पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित सचित्र साप्ताहिक अभ्युदय में प्रकाशित अटल…
हिंदी कविता : चिदाकाश!
हम चारों तरफ आकाश से घिरे हैं, जो है और जो नहीं…
हिंदी कविता : विकास के पथ पर हूँ, कैसे कह दूँ?
दिल्ली जैसे महानगरों में इस तरह के दृश्य आपको कहीं न मिल…
गौरैया फिर आना मेरे अंगना।
आज विश्व गौरैया दिवस है याद है न कि भूल गए। याद…
हिंदी कविता ‘जीवन मरण के मध्य’!
मैंने बिखेरी हैं, सांसें हवाओं में थोड़ी-थोड़ी! एक उम्मीद के साथ, कि…
न वहां मेरा घर है, न वहां मेरा गांव है।
नीले आसमान के नीचे, सुनसान छत पर, भरी दोपहरी में, एकदम से…
सुनो कुछ तो कहता है गोधरा?
27 फ़रवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में मानवता शर्मशार हुई, जब…
नाम तुम्हारे गीत लिखूँगा, तुम को मन का मीत लिखूँगा!
जन मानस में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा सिर्फ इस बात…