हिंदू तुम मरते ही रहोगे , इस नेता के चक्कर में ;
ये नेता हाईजैक हो चुका , ये तो पड़ा है फच्चर में ।
जेहादी का ये गुलाम है , तेरा नेता घनचक्कर ;
अपना भला जो तुझे चाहिये , छोड़ो इस नेता का चक्कर ।
चरित्रवान – हिंदूवादी हो , ऐसे ही नेता को लाओ ;
यूपी या आसाम से लाओ , इससे कमतर कुछ मत लाओ ।
सारे हिंदू मांग उठायें , पार्टी से इसको मनवायें ;
पर यदि पार्टी नहीं सुने तो, एक नयी पार्टी को बनायें ।
परम – साहसी हिंदू – वादी , ऐसे कट्टर – दल को लायें ;
कल्याण सभी का करना है तो , देश को हिंदू-राष्ट्र बनायें ।
देश में हिंदू नहीं सुरक्षित , लगता पाकिस्तान है ;
हिंदू सब कमजोरी त्यागें , खतरे में हिंदुस्तान है ।
तेरे नेता मरवा देंगे , ये सब धोखेबाज हैं ;
यूपी या आसाम छोड़कर , सारे बंडलबाज हैं ।
जब – तक हिंदू न सुधरेगा , जब – तक एक-जुट न होगा ;
अलग-अलग मरते जाओगे , तेरा नेता कुछ न करेगा ।
हाथ बांध रखे हैं पुलिस के , वो खुद गोली खाती है ;
याद करो दिल्ली का दंगा , पुलिस मरवायी जाती है ।
आत्मरक्षा का अधिकार सभी को,संविधान सबको देता है ;
पर भारत का कायर नेता , पुलिस को ये नहीं देता है ।
नेताओं ने किया नपुंसक , अपने देश की पुलिस को ;
यूपी या आसाम छोड़कर , मरने छोड़ रखा है इसको ।
बहुत बड़ी जिम्मेदारी है अब , भारत के हर-हिंदू पर ;
पुलिस बिना रक्षा करनी है , करो सुरक्षित अपना घर ।
जितना लोहा ला सकते हो , उससे अपना घर भर लो ;
स्वार्थ,लोभ,भय,लालच छोड़ो , सब – हिंदू एका कर लो ।
निसदिन एक बार सब मिलना , शस्त्र-शास्त्र की शिक्षा लो ;
अंतिम-क्षण तक लोहा लेना , एक-कदम न पीछे लो ।
चाहे हो किसी एक पे हमला , एक साथ सब हल्ला बोल ;
एक साथ हल्ला बोलोगे , दुश्मन का हो डिब्बा गोल ।
हर हालत में पूर्ण सुरक्षा , अब न बिल्कुल समय गंवाओ ;
सदा मिलेगी पूर्ण सुरक्षा , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”, रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”