हिंदू सदा परिश्रम करता , शांति – पूर्वक कार्य करे ;
पूरे देश का बोझा ढोता , पर देश का नेता मौज करे ।
सौ में नब्बे हिंदू – नेता , कायर – कमजोर – नपुंसक हैं ;
जेहादी के तलवे चाटें , हिंदू के लिये ही हिंसक हैं ।
हिंदू जितना कमा रहा है , आधा टैक्स में ले लेते ;
हिंदू – मंदिर लूट – लूट कर , धन जजिया में दे देते ।
ये गुलाम हैं जेहादी के , उसकी तरफ से राज करें ;
अब भी गुलाम है पूरा – भारत , नेता झूठी बात करें ।
इनकी झूठी मन की बातें , सबके विश्वास का नाटक है ;
नौटंकी करने में माहिर , करता रोने का नाटक है ।
शाहीन – बाग से कितना डरता ? रोड-जाम होने देता ;
परजीवी ये जोंक है पूरा , अब्बासी – हिंदू जो नेता ।
अब्बासी – हिंदू “जलकुम्भी” है , भारत के तालाब की ;
सब – कुछ नष्ट – भ्रष्ट कर देंगे , शामत है तालाब की ।
जो भी प्यार करे भारत को , उसको ये करना होगा ;
पूरी साफ करो “जलकुम्भी” या भारत को मरना होगा ।
गांधी की साजिश सफल हो रही , भारतवर्ष मिटाने की ;
अब्बासी – हिंदू के हाथों , गजवायेहिंद कराने की ।
हम हिंदू हैं राष्ट्र हमारा , साजिश विफल करायेंगे ;
“इकजुट-जम्मू”, “इकजुट-हिंदू”,” इकजुट-भारत” लायेंगे ।
अपरिहार्य है “इकजुट-भारत” , इसको ही सत्ता देंगे ;
जिम्मी,जेहादी,वामी,सेक्युलर, अब्बासी-हिंदू को हटायेंगे ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , जेहादी का गुलाम है ;
स्वार्थ, लोभ ,भय ,भ्रष्टाचार , ये ही इन सबके काम हैं ।
हिंदू की दुर्गति होते-होते , साल – पिचहत्तर बीत गये ;
अब भी हिंदू जग जाये तो , दुर्दिन के दिन बीत गये ।
सोशल-मीडिया जगा रहा है , हिंदू भी अब जाग रहा है ;
जागा हिंदू शेर सरीखा , तो सारा दुश्मन भाग रहा है ।
अब्बासी-हिंदू की हर नौटंकी , हर-हिंदू को समझना है ;
“संदीप देव” का चैनल देखो , सब कुछ समझ में आना है ।
वस्तुस्थिति को ठीकसे समझो,समझबूझकर कदम उठाओ;
एकमात्र दल देशभक्त है,इकजुट-भारत को विजय दिलाओ
“इकजुट-भारत” की सरकार बनेगी,सबकुछ न्यायपूर्ण होगा
जिसने अन्याय किया हिंदू संग,उन सबका ही निर्णय होगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”