जाने कैसी साजिश है ये ? क्यों देशभक्त न बच पाते ?
श्यामा प्रसाद की जेल में हत्या,भाभा विमान में बच न पाते
दीनदयाल की ट्रेन में हत्या , राम मनोहर चले गये ;
ताशकंद समझौता करके , शास्त्री जी भी मृतक हुये ।
भारत के जितने सपूत थे , गहरी साजिश से नहीं बचे ;
हेलीकॉप्टर गिरने की साजिश , रावत जी भी नहीं बचे ।
कितने लाल धर्म ने खोये , राष्ट्र ने खोये , देश ने खोये ;
अंतर्राष्ट्रीय साजिश लगती , पर यहां भी नहीं दूध के धोये ।
संपूर्ण विश्व में सबसे ज्यादा , गद्दार भरे हैं भारत में ;
सबसे गंदी – राजनीति भी , फल – फूल रही है भारत में ।
सत्ता – लिप्सा है सबसे आगे , देश है सबसे बाद में ;
धर्म – राष्ट्र की बात न पूछो , घर-परिवार भी लात में ।
न ये घर के , नहीं घाट के , पता नहीं किसके क्या हैं ?
कौन है इन्हें नचाने वाला ? छुपा हुआ एजेंडा क्या है ?
महामूर्ख – हिंदू है इतना , अपने शत्रु न पहचाने ;
खुलेआम जो मंदिर तोड़ें , उनको धर्म का रक्षक माने ।
झूठे – इतिहास का नशा चढ़ा है , पश्चिम का अंधानुकरण ;
फैशन-परस्ती में इतने अंधे हैं , न देखें अपना भी मरण ।
बात – बात पर गले कट रहे , कितना हिंदू-संहार है ?
जब नेता अब्बासी – हिंदू हो , तब धर्म का उपसंहार है ।
धन ,दौलत ,गाड़ी और बंगला , किसी काम न आयेगा ;
जब रक्षक ही बना हो भक्षक , तू कैसे बच पायेगा ?
अब तो केवल वही बचेगा , धर्म – सनातन का सेनानी ;
शस्त्र – शास्त्र में पूर्ण प्रशिक्षित , हिंदू-धर्म का अभिमानी ।
सामर्थ्यवान जब हर हिंदू हो और नेता कट्टर – हिंदू हो ;
सत्ता लिप्सा बिलकुल न हो , तब ही षड़यंत्र कहीं न हो ।
तब न होगी कोई साजिश , राष्ट्र के वीर सपूत बचेंगे ;
वामी ,कामी ,जिम्मी ,सेक्युलर , जेहादी तब नहीं बचेंगे ।
न होंगे मक्कार ये नेता , गद्दार भी कोई नहीं बचेगा ;
राष्ट्र – विरोधी हर अपराधी , वो केवल बेमौत मरेगा ।
हर – हिंदू की भीष्म – प्रतिज्ञा , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ;
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा”, अब्बासी-हिंदू को मिटाना है ।
अब्बासी – हिंदू नेता सब , हर-चुनाव में निश्चय हारेगें ;
कट्टर – हिंदू प्रत्याशी जीतेगें , “हिंदू – राष्ट्र” बनायेंगे ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”